नाबालिग बच्ची से बलात्कार के बाद हत्या के मामले में मथुरा कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विपिन कुमार की अदालत ने आरोप पत्र दाखिल होने के 26 दिन के अंदर आरोपी युवक को दोषी मानते हुए फैसला सुनाया। दोषी पर 45 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।13 अक्टूबर 2022 को नाबालिग को घर के बाहर खेलते समय भंडारा के बहाने ले जाकर आरोपी ने पहले रेप किया और फिर पहचान छिपाने की डर से उसकी हत्या कर दी थी।
1 महीने के अंदर कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
घटना के एक महीने बाद पुलिस ने युवक के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। इसकी सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विपिन कुमार की अदालत में हुई। दोष सिद्ध होने पर शुक्रवार को आरोपी सतीश को धारा 302 के अन्तर्गत मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई। कोर्ट के आदेश में बोला गया की दोषी सतीश को फांसी तब तक ना दी जाये जब तक की उसकी मृत्यु ना हो जाए। वहीं आरोपी पर धारा-363 के तहत 5 साल के कठोर कारावास तथा पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर दोषी तीन महीने का अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।
पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई सजा
इसके अलावा आरोपी सतीश को धारा 376 ए. बी. भारतीय दण्ड संहिता के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप में आजीवन कारावास जीवन की अंतिम सांस तक तथा बीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर 6 महीने का अलग से सजा काटनी होगी। पोक्सो अधिनियम की धारा-5 एम / 6 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप में आजीवन कारावास तथा बीस हजार रूपए के अर्धदण्ड से दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड अदा ना करने पर अभियुक्त 6 महीने का अतिरिक्त कारावास होगा।
14 को वृंदावन मथुरा मार्ग पर बच्ची का शव पड़ा मिला
आपको बता दें, आरोपी 13 अक्टूबर को भंड़ारे के बहाने नाबालिग को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया था। और उसके बाद पहले उसके साथ रेप किया और फिर पहचान छिपाने की डर से उसकी हत्या कर दी थी। जिसके बाद गुरुवार की देर शाम 10 वर्षीय बच्ची का शव वृंदावन मथुरा मार्ग पर पीएमबी पॉलिटेक्निक कॉलेज के समीप जंगल में पड़ा मिला था। शव के मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी।