सुल्तानपुर में कोतवाली नगर अंतर्गत लाला का पुरवा गांव की लीलावती अधिकारियों को गुमराह कर फर्जी मामले दर्ज कराने में महारथ हासिल कर चुकी है। तत्कालीन कप्तान विपिन मिश्रा के समय रेप का आरोप लगाते हुए पड़ोसियों पर शिकंजा कसवाया, जांच हुई तो आरोप झूठे निकले। अब उसने विवादित भूखंड पर कब्जा करना चाहा, सफलता हाथ नहीं लगी। मुकदमा हुआ तो पेशबंदी करके उसने पड़ोसियों के खिलाफ मारपीट व धोखाधड़ी तक का मुकदमा लिखा डाला। हैरत की बात यह है कि उक्त महिला ने उन अधिवक्ताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है जो उसकी मदद कर रहे थे।
दरअस्ल यह मामला शुरू हुआ है लाला का पुरवा गांव में विवादित भूखंड 2248 से। जिस पर गांव निवासी राम मिलन ने दीवानी न्यायालय में सिविल जज दक्षिणी अवर खंड से स्टे ले रखा है। इसी जमीन पर गांव की लीलावती ने जबरन कब्जा कर रखा है। इस मामले में जनवरी माह में मारपीट की घटना भी अंजाम पाई, जिसमें पुलिस ने लीलावती समेत 11 लोगो के खिलाफ जानलेवा हमला, मारपीट, बलवा, गाली-गलौज की धारा में मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में भेज दिया।
अपने ही अधिवक्ता के विरुद्ध दर्ज कराया केस
इससे लीलावती बौखला गई और उसने पुलिस व अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए आत्मदाह की धमकी देते हुए शिकायती पत्र दे डाला। अंततः दबाव में आकर कोतवाली पुलिस ने 25 जुलाई को जगन पाल, कमला देवी समेत 12 लोगो के विरुद्ध बलवा, गाली-गलौज के साथ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया। इस केस में लीलावती ने अपने ही केस में पैरवी करने वाले अधिवक्ता गुलाब व पूनम पर गंभीर आरोप लगाया है।
निर्दोषों के खिलाफ भी लिखा धोखाधड़ी का केस
लीलावती का आरोप है कि अधिवक्ता गुलाब व पूनम से वो कलेक्ट्रेट में मिली और एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कहा। दोनों ने धीरे-धीरे करके 50 हजार रुपए लिए, सादे कागज पर साइन भी कराया लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं कराया। अंत में जब पैसे वापस मांगे तो फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दिया। यही पर कोतवाली पुलिस की कार्रवाई संदेह के घेरे में आ गई। वो यह कि जब लेन-देन दो अधिवक्ताओं ने किया तब 10 अन्य लोगो के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किस आधार पर किया गया।
जांच में झूठा निकला था रेप का आरोप
बता दें कि लीलावती शातिर किस्म की महिला है। जिसे पुलिस के अधिकारी भी भली भांति जानते हैं। मार्च 2021 में उसने गांव के तीन युवकों के विरुद्ध रेप का आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों के खिलाफ पत्र दिया था। तत्कालीन एसपी ने जांच कराया।जांच अधिकारी ने 9 मार्च को पत्र सं. ST/RTC/46/2021 में एसपी को दी रिपोर्ट में बताया है कि आरोप झूठे हैं। अब फिर ऐसे ही दबाव बनाकर लीलावती अधिकारियों को गुमराह कर रही। और निर्दोष लोगो पर पुलिस कार्रवाई का दबाव बना रही।