यूपी में बिजली निजीकरण के निर्णय का जमकर विरोध, सरकार के समझौतों का हो रहा उल्लंघन

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की कानपुर जिला कमेटी ने उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था के निजीकरण के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

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UP News : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की कानपुर जिला कमेटी ने उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था के निजीकरण के निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। शिष्टमंडल ने केस्को मुख्यालय पहुंचकर केस्को एमडी से मुलाकात की। इस दौरान माकपा के कार्यकर्ता, जिले के नेता और आम जनता भी शामिल हुई। माकपा जिला सचिव कामरेड उमाकान्त विश्वकर्मा ने इस अवसर पर केस्को मुख्यालय गेट पर मौजूद लोगों को संबोधित किया।

कामरेड उमाकान्त विश्वकर्मा ने कहा कि मौजूदा सरकार हर हाल में बिजली व्यवस्था को प्राइवेट हाथों में सौंपने के लिए तैयार है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पूंजीपतियों की पार्टी है, और यह सीपीआई (एम) का मानना है कि सरकार पहले बिजली के दामों को बढ़ाती है, फिर धीरे-धीरे बिजली के सभी डिस्कॉम को निजी कंपनियों को सौंप देगी। उन्होंने कहा कि इस सरकार का उद्देश्य जनता और कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना नहीं, बल्कि अपने पूंजीपति आकाओं के लाभ को सुनिश्चित करना है।

सरकार के समझौतों का उल्लंघन

कामरेड उमाकान्त ने यह भी कहा कि सरकार के साथ पहले किए गए विद्युत कर्मचारियों के समझौतों का यह निजीकरण निर्णय स्पष्ट रूप से उल्लंघन है। माकपा ने इसके खिलाफ कड़ा विरोध जताया और यह निर्णय वापस लेने की मांग की।

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माकपा ने अपने विरोध का ज्ञापन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के नाम केस्को एमडी को सौंपा। साथ ही माकपा ने यह भी कहा कि बिजली निजीकरण में उड़ीसा सरकार के बुरे अनुभव को याद रखना चाहिए। माकपा ने यह स्पष्ट किया कि पार्टी उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण का पूरी तरह विरोध करती है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग करती है।

आंदोलन की मिली चेतावनी

माकपा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही निजीकरण के निर्णय को वापस नहीं लिया, तो पार्टी को बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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