सद्दाम खान, सिद्धार्थनगर । जिले का माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में अब तक डॉक्टर और स्टाफ की गुटबाजी ही देखने को मिल रही थी । लेकिन गुट बाजी का दायरा बढ़कर अब छात्र-छात्राओं के बीच पहुंच चुका है। इसी की एक बानगी मंगलवार को देखने को मिली। जब प्रशिक्षु डॉक्टरों के एक गुट ने दूसरे गुट के एक छात्रा के कमरे में घुसकर उसकी जमकर पिटाई कर दी। हालांकि इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दोषी आठ छात्राओं को 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया है।
प्रशिक्षु डॉक्टरों के मारपीट की
मंगलवार देर रात जमकर हुआ हंगामा और मार-पीट
यह घटना मंगलवार की रात की है। जब 2023 बैच की छात्राओं के दो गुट आपस भिड़ गये और अपनी एक सहपाठी के कमरें में जाकर छात्राओं के एक गुट ने जमकर तोड़फोेड़ करते हुए मारपीट की घटना को अंजाम दे दिया। पीड़ित छात्रा ने अपनी आपबीती अपने पिता को बतायी तो पीड़ित छात्रा के पिता राजेेश पाण्डेय ने इसकी शिकायत मेडिकल कालेज प्रशासन की। शिकायत पर मेडिकल कालेज के अनुशासनात्मक कमेटी की बैठक आनन-फानन में बुलायी गयी। शिकायत सही पाये जाने पर दोषी छात्राओं को तीन माह के लिए कालेज और हास्टल से निलम्बित कर दिया गया।
स्थापना के समय से ही विवादों में रहा है मेडिकल कॉलेज
आप को बताते चले कि अपने स्थापना काल से ही माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज और विवादों से चोली दामन का साथ रहा है। यहीं कारण है कि कभी इलाज के दौरान हुई मौत को लेकर मृतक परिजनों ने हंगामा किया। जिससे मेडिकल कालेज प्रशासन की खूब किरकिरी होती रही है और अब प्रशिक्षु डॉक्टरों के इस उत्पात से मेडिकल कालेज प्रशासन का दामन पूरी तरह सेे दागदार हो गया है।
पीएम मोदी ने किया था मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन
मालूम हो 25 अक्टूबर 2021 को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिद्धार्थनगर समेत प्रदेश के नौ नवनिर्मित मेडिकल कालेजों का उद्धघाटन किया था। मेडिकल कालेज के उद्धघाटन के बाद यहां की जनता को बेहतर इलाज की उम्मींद बंधी थी, मगर जनता की यह उम्मीद बदइंतजामी की शिकार हो गयी और मेडिकल कालेज में इलाज कम विवाद अधिक होने लगा। तत्कालीन प्राचार्य डा.सलिल श्रीवास्तव भी विवादों के शिकार हो गये। जिसके कारण उन्हें हटा दिया गया और जिला चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डा.ए.के. झा को व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी देते हुए माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज का प्राचार्य बना दिया गया।
तीन साल में बदले तीन प्राचार्य, कैसे चले प्रशासन
बताया जाता है कि डा. झा ने बहुत हद तक विवादों पर नकेल कसने में सफलता हासिल कर ली थी, मगर इसी बीच उन्हें भी हटाकर डा. राजेश मोहन को मेडिकल कॉलेज का नया प्राचार्य बना दिया गया। इस दौरान माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज में गुटबाजी की भी शिकायते सामने आने लगी। कहा तो यहां तक जाता है कि वर्तमान प्राचार्य और पूर्व प्राचार्य में भी आपस में नहीं बनती है।
मेडिकल कॉलेज के स्टाफ की गुटबाजी का असर छात्रों पर!
जहां तक मेडिकल की पढाई कर रहे छात्र- छात्राओं की बात है तो वह भी गुटों में बंटे है। यहीं कारण है कि अक्सर मेडिकल कालेज के हास्टल में तोड़ फोड़ की घटनाएं होती रही, मगर प्रशासन ने कभी उन्हें बाहर नहीं आने दिया। लेकिन अब इस कार्रवाई के जरिए मेडिकल कालेज प्रशासन ने पहली बार जो सख्ती दिखायी अगर ऐसी ही कठोर कार्रवाई पहले करता तो शायद ऐसी घटनाएं ही नहीं होती।