लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। हरफनमौला कलाकार किशोर कुमार ने तोता-मैना की दरगाह को लेकर एक मशहूर गीत तोता-मैना की कहानी तो पुरानी हो गई….गाया था, जिसे आज भी उनके फैंस गुनगुनाते हैं। उस दौर का यह गीत सुपर हिट रहा था।ऐसा बताया जाता है कि तोता-मैना को इस गीत के माध्यम से किशोर कुमार और लोकप्रिय हो गए थे। उस दौर के लोकप्रिय कार्यक्रम बिनाका गीतमाला में यह गीत सुपर हिट रहा। 2024 में एकबार फिर तोता-मैना की कहानी संभल से बाहर आई है। जिसका सर्वेक्षण एसआई की टीम कर रही है।
बनी अनसुलझी पहेली
उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के बाद पुलिस-प्रशासन पुरानी धरोहरों को खोज रहा है। पौराणिक मंदिर और कूपों के साथ रहस्यमय बावड़ी और इमारतों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। चंदौसी में राजा की 200 साल से अधिक बावड़ी मिलने के बाद संभल में रहस्यमय बावड़ी और तोता-मैना की सैकड़ों साल पुरानी कब्र मिली है। बताया जाता है कि, तोता मैना की कब्र और कब्र पर लिखी इबारत सैकड़ों साल बाद आज भी लोगों के लिए अनसुलझी पहेली बनी हुई है। देश-विदेश में तमाम भाषाओं के जानकार और पुरातत्वविद तोता मैना की कब्र पर लिखी इबारत को पढ़ने में नाकाम रहे हैं।
अकूत खजाने का राज
संभल में तोता मैना की यह रहस्यमय कब्र, शहर की आबादी से लगभग 6 किलोमीटर दूर बीहड़ जंगल में बनी हुई है। यह रहस्यमय कब्र 1 हजार साल से भी अधिक पुरानी बताई जाती है। कब्र के दोनों ओर उर्दू, फारसी और अरबी से मिलती-जुलती भाषा में कुछ लिखा हुआ है। इस कब्र का राज जानने के लिए देश-विदेश के अरबी, फारसी, उर्दू, देवनागरी और तमाम भाषाओं के जानकार कब्र पर लिखी भाषा को पढ़ने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन नाकाम रहे हैं। इलाके के लोगों का मानना है कि इस रहस्यमय कब्र पर लिखी इबारत में इलाके में दबे किसी अकूत खजाने का राज छिपा हुआ है।
पृथ्वीराज चौहान की राजधानी था संभल
संभल में तोता मैना की इस रहस्य कब्र को लेकर इतिहासकारों का मानना है कि संभल इलाके में जब राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी हुआ करता थी, उसी दौरान पृथ्वीराज चौहान तोता-मैना के जोड़े के आपसी प्रेम से बेहद प्रभावित थे। इस जोड़े की मृत्यु के बाद उनकी याद में यह कब्र बनवाकर इनकी प्रेम कहानी कब्र पर लिखवाई थी। तोता-मैना की कब्र के संदर्भ में भी कहा जाता है कि तोता-मैना की यह कब्र पूर्व में राजपूत राजा पृथ्वी राज चौहान की बेटी वेला की समाधि थी। मुस्लिम शासकों ने समाधि को तोड़कर कब्र बना दी। फिलहाल हजारों साल पुरानी बावड़ी और तोता-मैना की कब्र का रहस्य आज भी लोगों के लिए राज बना हुआ है।
संभल में मिली बावड़ी
जानकारों के मुताबिक संभल में मिली विशाल रहस्यमय बावड़ी राजपूत राजा के काल में सैनिकों के ठहरने और छिपने का स्थान हुआ करता था, जो कि राजपूत काल खत्म होने के बाद इलाके में लूटमार और चोरी करने वाले डाकुओं और चोरों का ठिकाना बन गया है। डाकू और चोर इस बावड़ी में छिपने के साथ ही लूटपाट की संपत्ति के खजाने को छिपाने के लिए इस्तेमाल करते थे। जिसकी वजह से इस बावड़ी का नाम चोरों का कुआं पड़ गया। बीतेदिनों खुदाई के दौरान ये मौत का कुआं बाहर आया था। फिलहाल संभल में प्रशासन और एएसआई की सर्वे जारी है। पुरानी धरोहरें एक-एक कर बाहर आ रही हैं।
तोता-मैना की कब्र का किया निरीक्षण
बता दें कि संभल का इतिहास अपने आप में बहुत सी कहानियां समेटे हुए है। पुरातत्वविदों के अनुसार आज भी संभल से हजारों सालों पुरानी ऐतिहासिक मूर्तियां और ताम्र फलक आदि मिलते रहते हैं। इनके साथ ही यहां से राजपूत राजाओं की आराध्य देवी चतुर्भुज महिष मर्दिनी की मूर्ति समेत तमाम पुरावशेष भी मिले हैं। बीते बुधवार को संभल की इस रहस्यमय बावड़ी और कब्र के मिलने की जानकारी के बाद डीएम राजेंद्र पेंसिया और एस पी कृष्ण विश्नोई राजस्व और नगरपालिका के अधिकारियों की टीम के साथ बावड़ी और तोता-मैना की कब्र के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। डीएम ने बावड़ी और कब्र के निरीक्षण के बाद इनके संरक्षण और जीर्णोद्वार की बात कही है।