कानपुर ऑनलाइन डेस्क। करीब एक माह चले चुनाव प्रचार के बाद आखिरकार वह दिन आ गया, जिसका सबको बेसब्री से इंतजार था। 20 नवंबर को यूपी की 9 विधानसभा सीटों लिए मतदान शुरू हुआ। सुबह से आरोप-प्रत्यारोप के बीच वोटिंग संपन्न हुई। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस-प्रशासन पर सनसनीखेज आरोप लगाए हुए कुछ अधिकारियों के नाम सोशल मीडिया में शेयर कर कार्रवाई की मांग की। चुनाव आयोग ने कानपुर में तैनात दो पुलिस सब इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के साथ अन्य अफसरों की जांच के आदेश दिए हैं।
दिनभर चला घमासान का दौर
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग चुटफुट घटनाओं के बीच संपन्न हो गई। उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद पहली चुनावी लड़ाई में कांग्रेस ने जहां उपचुनाव से खुद को बाहर रखा है और अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी (सपा) का समर्थन कर रही है, वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अपने दम पर सभी नौ सीट पर चुनाव लड़ रही है। अधिकांश सीटों पर बीजेपी और सपा के बीच टक्कर बताई जा रही है। सुबह से सीसामऊ से लेकर अन्य सीटों पर सपा की तरफ से पुलिस-प्रशासन पर आरोप लगाए गए। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर चुनाव आयोग से निष्पक्ष चुनाव कराए जाने की मांग की गई।
दो दरोगा तत्काल प्रभार से सस्पेंड
वोटिंग के बीच में सीसामऊ थानाक्षेत्र के चमनगंज पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश प्रताप सिंह पर बड़ा आरोप लगा। सपा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, कानपुर की सीसामऊ विधानसभा में पुलिस इंस्पेक्टर चमनगंज दिनेश प्रताप सिंह ने मतदाता को लाठी से पीटा। पुलिस बीजेपी का एजेंट बनकर कर रही काम। संज्ञान ले चुनाव आयोग। निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित हो। सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा, कुंदरकी थानाध्यक्ष कुलदीप कुमार शेहरावत, एडीएम मुरादाबाद, कमिश्नर मुरादाबाद आन्जनेय सिंह, मीरापुर थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, इन्स्पेक्टर चमनगंज दिनेश सिंह बिष्ट, इन्स्पेक्टर कर्नलगंज, रमेश सिंह वोटिंग को प्रभावित कर रहे हैं। मेरी अपील है कि ऐसे दोषी अधिकारी तुरंत हटाए जाएं।
आयोग ने वोटिंग के बीच जारी किया आदेश
सीसामऊ में मतदाताओं के पहचान पत्र चेक कर उन्हें वोट डालने से रोकते हुए वापस भेजने का वीडीओ मिलने के बाद आयोग ने सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह और राकेश कुमार नादर को तत्काल निलंबित कर जांच और पूछताछ शुरू कर दी गई है। आयोग ने स्पष्ट आदेश जारी किया कि पुलिस किसी भी किस्म से मतदाताओं की जांच या तस्दीक नहीं करेगी। ये अधिकार आयोग की ओर से नियुक्त चुनाव टीम यानी मतदान पार्टी और उम्मीदवारों के एजेंट का है। लिहाजा पुलिस सिर्फ सुरक्षा और कानून व्यवस्था का ध्यान रखे।
दिनभर एक्टिव रहे अखिलेश यादव
इनसब के बीच अखिलेश यादव मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा, “सबकी नौकरी जाएगी, पीएफ, पेंशन भी जाएगी, समाज में इज्जत जाएगी। बेइमानी का ठप्पा लगाकर इनका जीवन बर्बाद हो जाएगा। मैने चीफ इलेक्शन कमिश्नर से बात की है। उन्होंने बेइमानी करने वाले अधिकारियों की लिस्ट मांगी है। और सुनने में ये भी आ रहा है कि खासकर मीरापुर विधानसभा में मैं उन अधिकारियों की जानकारी करूंगा जिन्होंने आईडी कार्ड छीन लिया है।
इन सीटों पर हुई वोटिंग
बता दें, आज जिन नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ, उनमें कटेहरी (आंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं। हलांकि, उपचुनावों के नतीजों का उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह विभिन्न राजनीतिक दलों को एक संदेश देगा। सपा जहां सदन में अपनी संख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखेगी, वहीं भाजपा और उसकी सहयोगी रालोद विधानसभा में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने की कोशिश करेगी।