2000 के नोटों से बाजार गुलजार हैं। एक तरफ फुटकर दुकानदारी में तेजी आई है तो वहीं दूसरी तरफ थोक बाजार की खरीदारी में 2000 के नोटों का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। अब सोना चांदी के बजाय पीतल लोहा तांबा और कपड़े में 2000 के नोट ज्यादा खपाए जा रहे हैं। केस में भुगतान पर इन वस्तुओं की कीमतों में उछाल आ गया है चालू खातों में भी रोजाना 2000 के नोट ज्यादा जमा हो रहे हैं।
फुटकर दुकानदारी 2 से ढाई गुना बढ़ी
2000 के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे। आरबीआई के इस ऐलान के बाद बाजार में असमंजस की स्थिति खत्म हो गई है। बड़े सौदों में 2000 के नोट खुलकर लिए जा रहे हैं। फुटकर बाजार में 2000 के नोट के एवज में एक्सचेंज से जरूरी कारोबारी कतरा रहे हैं। इसका असर यह हुआ कि पूरा नोट खपाने का चलन बढ़ गया है। कानपुर, लखनऊ, आगरा, मेरठ, प्रयागराज, अलीगढ़, मुरादाबाद, गोरखपुर, गाजियाबाद में फुटकर दुकानदारी 2 से ढाई गुना बढ़ गई है।
त्योहारी और हालत के सीजन में एडवांस बुकिंग
बचत खातों की तुलना में चालू खातों में रकम खूब आ रही है। औसतन 50 हजार रोज वाले चालू खातों में डेढ़ लाख जमा हो रहे हैं। इस बीच बाजार में दलाल भी कूद पड़े हैं वह भी 2 फ़ीसदी कमीशन पर एक्सचेंज का ऑफर चला रहे हैं। स्टेट बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक बाजार में 2000 के नोटों का बाहर आना ही इस योजना का मकसद है जो सफल हो रही है। पेट्रोल पंपों पर भी 2000 के नोट हटाए जा रहे हैं। खास बात यह है कि फुटकर व्यापारियों के खातों में भी जमा निकासी 3 गुना तक बढ़ी है 2000 के नोटों में एडवांस बुकिंग जमा कर की जा रही है। कपड़े के थोक कारोबारियों का कहना है कि आने वाले त्योहारी और हालत के सीजन में उधार के बजाय केस में एडवांस बुकिंग हो रही हैं।