उन्नाव में जमीन से प्रकट हुई राधा-कृष्ण की मूर्ति, सुरक्षा कर रहा था सांप, तभी हुआ ‘चमत्कार’ और मर गया विषैला ‘बेजुबान’

उत्तर प्रदेश के उन्नाव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां किसान अपने खेत की सफाई कर रहा था। तभी उसे प्राचीन राधा-कृष्ण की पीतलनुमा मूर्तियां मिली। उसके पास में ही एक सांप बैठा था, जो मूर्ति की रक्षा कर रहा था।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के उन्नाव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां किसान अपने खेत की सफाई कर रहा था। तभी उसे प्राचीन राधा-कृष्ण की पीतलनुमा मूर्तियां मिली। उसके पास में ही एक सांप बैठा था, जो मूर्ति की रक्षा कर रहा था। इसके अलावा पास में ही एक प्राचीन भोजपत्र भी था। मूर्ति मिलने के कुछ देर बार सांप की मौत हो गई। वहीं, जिस किसान की मूर्ति मिली, उसकी भी तबीयत खराब हो गई है। इनसब के बीच भगवान श्रीकृष्ण-राधा की मुर्ति मिलने की सूचना ग्रामीणों को हुई तो सनसैलाब उमड़ा पड़ा। पुलिस भी मौके पर आई।

उन्नाव के माखी थानाक्षेत्र के मिर्जापुर कला गांव में एक चमत्कार हुआ। यहां के रहने वाले किसान लल्लन सिंह चकलवंशी-सण्डीला मार्ग पर स्थित अपने खेत में रेस्टोरेंट निर्माण की तैयारी कर रहे थे। लल्लन सिंह मजदूर गुड्डू और अन्य के साथ सुबह के दस बजे सफाई कराने पहुंचे। मजदूरों ने जैसे ही झाड़ियों को साफ करने के लिए फावड़ा चलाना शुरू किया तभी एक फावड़ा लगते ही पानी से भरा एक मिट्टी का घड़ा टूट गया। घड़ा टूटते ही उसका हिस्सा छिटक कर दूर जा गिरा। मजदूरों की नजर टूटे घड़े पर पडी तो उन्होंने किसान लल्लन सिंह को आवाज देकर बुलाया।

लल्लन सिंह ने मजदूरों से बोलकर आसपास की मिट्टी हटवाई तो अंदर से राधा-कृष्ण की प्राचीन पीतलनुमा मूर्तियां और संस्कृत में लिखी पूजन विधि वाला एक भोजपत्र बरामद हुआ। मजदूरों ने बताया कि हम मिट्टी हटाने के लिए आगे बढ़े तो नीचे से कुछ आवाज सुनाई दी। तभी हमने मिट्टी हटाते के लिए फावड़ा चलाया, जोएक सांप से टकरा गया। सांप को देख हमलोग डर गए। फावड़ा लगने से सांप घायल हो गया था। उसे बाहर लेकर आए, लेकिन कुछ देर के बाद उसकी मौत हो गई। सांप को पास में रखकर हमलोग मूर्ति को बाहर निकाला।

मजदूरों के कहने पर खेत मालिक मूर्तियों को घर ले गया, लेकिन कुछ ही देर में उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई। परिजनों ने इसे अशुभ मानते हुए मूर्तियों को वापस खेत में रखवा दिया। मामले की जानकारी आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई। भीड़ बढ़ने की सूचना पर दरोगा अजय कुमार सिंह दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच की। दरोगा ने बताया कि किसान को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। फिलहाल किसान का इलाज चल रहा है। वहीं खेत पर सुबह से लोगों को जमावड़ा है। लोग पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

मामले पर जिला पर्यटन अधिकारी के अनुसार, मूर्तियों का वजन लगभग दो किलो है और तांबे की है। इसकी रिपोर्ट एसडीएम को भेज दी गई है। वहीं, पत्र को उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय को भेजा जा रहा है। वहां से आने वाली टीम इस पर लिखी भाषा और मूर्तियों की प्राचीनता के बारे में जांच करेगी कि कितनी पुरानी मूर्ति है और भोजपत्र पर क्या है। साथ ही यह कौन सी भाषा है। सीओ सफीपुर सोनम सिंह ने बताया की यह घटना बुधवार की ही जब खेत मे निर्माण कराते समय खुदाई के दौरान मूर्तियां मिली थी, जिसे उसी जगह पर तिरपाल के नीचे रखवा दिया है।

इनसब के बीच गांव के आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मूर्तियों का पूजन-अभिषेक कराया। गांव के लोगों का मानना है कि ये मूर्तियां अत्यंत प्राचीन हो सकती है। घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में कौतूहल बना हुआ है और लोग लगातार खेत पर पहुंचकर मूर्तियों को देखने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस मौके पर तैनात है।

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