Unnao News: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें उन्नाव के स्थानीय लोग रात के अंधेरे में सड़क के गड्ढे भरते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो ने कई लोगों का ध्यान खींचा है और इसे लेकर जनता के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वीडियो में बताया गया है कि ये लोग अपने पैसों से चंदा इकट्ठा कर खुद ही गड्ढा भरने में जुटे हुए हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘गड्ढा मुक्त सड़कों’ के अभियान के बावजूद ये गड्ढे स्थानीय लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। प्रशासन की अनदेखी से परेशान लोगों ने खुद ही इस समस्या का समाधान करने का जिम्मा उठा लिया है। रात में जान जोखिम में डालकर ये लोग सड़क की मरम्मत करते हुए देखे गए।
गड्ढों के खिलाफ स्थानीय लोगों का अभियान
Unnao का यह वीडियो इस बात का प्रमाण है कि प्रशासनिक असफलता की स्थिति में आम जनता भी अपने हक की लड़ाई खुद ही लड़ सकती है। स्थानीय लोगों ने चंदा इकट्ठा कर सड़कों के गड्ढों को भरने का काम शुरू किया। बताया गया है कि यह खतरनाक गड्ढा, जिसमें कई लोग घायल हो चुके हैं, खुद के प्रयासों से भरा गया। इस कदम के बाद जनता में सकारात्मकता देखने को मिल रही है, वहीं सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं।
सरकारी महकमे जब कान में तेल डालकर बैठ जाएँ तो जनता क्या ही करे!!! उन्नाव में चंदा करके जानलेवा गड्ढे को भरने में जुटे आम लोग। pic.twitter.com/pPHFJ2JrQR
— SANJAY TRIPATHI (@sanjayjourno) November 11, 2024
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस वीडियो पर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने व्यंग्यात्मक और सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा कि “गड्ढों को बदनाम न किया जाए, वो तो अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं, ये लोग उनका अस्तित्व खत्म करने पर तुले हैं।” वहीं एक अन्य ने मजाक में लिखा कि “अगर सरकार काम नहीं करती तो हमें भी अपनी सुरक्षा के लिए अपने दम पर सड़कें बनानी होंगी।” कुछ लोगों ने प्रशासन पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण ही लोग अब सड़कों के गड्ढे भरने तक मजबूर हो रहे हैं।
प्रशासन पर सवाल
यह घटना सिर्फ एक गड्ढे की नहीं, बल्कि उस Unnao सरकारी तंत्र की ओर भी इशारा करती है जो जनता की समस्याओं को नजरअंदाज करता है। कुछ लोगों का मानना है कि शायद अधिकारियों की जेबें गर्म हैं, तभी सड़कों के इन गड्ढों की अनदेखी हो रही है। जनता ने इसे एक नसीहत समझकर अपना काम खुद करने की ठानी है, लेकिन यह भी सवाल उठता है कि आखिर सरकारी महकमा कब जागेगा?
Unnao की इस घटना ने यह साबित किया कि अगर आम लोग एकजुट हो जाएं, तो प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी।