UP Assembly BJP MLA dispute: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार की सुबह माहौल उस समय गर्मा गया जब बीजेपी के दो विधायक, मथुरा के मंट से राजेश चौधरी और वाराणसी कैंट से सौरभ श्रीवास्तव, ‘विकसित भारत, विकसित यूपी विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर चर्चा के दौरान आपस में भिड़ गए। मामला इतना बढ़ा कि आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों लगभग हाथापाई पर उतर आए। वजह? बोलने के समय को लेकर तकरार, जो मिनटों में तू-तू, मैं-मैं और धक्का-मुक्की तक जा पहुंची। विपक्ष ने मौके का पूरा फायदा उठाया, खासकर सपा की पल्लवी पटेल ने तंज कसते हुए कहा— “जब अपना ही विजन नहीं संभल रहा, तो प्रदेश का विजन कैसे बनेगा?”
UP विधानसभा में जब भिड़ गए सत्ता पक्ष BJP के दो विधायक
बीजेपी विधायक राजेश चौधरी और सौरभ श्रीवास्तव में झड़प
विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर चर्चा के दौरान आपस में भिड़ गए
बोलने का समय दिलाने को लेकर हुई बहस हाथापाई तक पहुंची
सपा विधायक का तंज :
"विज़न पर ही लड़ रहे हैं, इनका विज़न… pic.twitter.com/s6sBYQTzA8
— News1India (@News1IndiaTweet) August 14, 2025
24 घंटे की विशेष चर्चा में बवाल
बुधवार, 13 अगस्त सुबह 11 बजे शुरू हुई विशेष 24 घंटे की चर्चा का मकसद था—2047 तक यूपी को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने का रोडमैप पेश करना। लेकिन गुरुवार सुबह इस ‘भविष्य की योजना’ पर बहस के बीच बीजेपी के दो नेताओं का भविष्य-भूलकर वर्तमान में भिड़ जाना, माहौल को गरमा गया। पहले तो राजेश चौधरी ने सौरभ श्रीवास्तव को समय सीमा की याद दिलाई, फिर बात उलझ गई और माहौल विधानसभा में ‘विकास’ से हटकर ‘विवाद’ की ओर मुड़ गया। अन्य विधायकों के बीच-बचाव से मामला थमा, लेकिन दृश्य ने विपक्ष को बड़ा मौका दे दिया।
पल्लवी पटेल का वार
सपा विधायक पल्लवी पटेल ने इस UP Assembly घटना को बीजेपी के ‘विजन’ पर सवाल उठाने का हथियार बना लिया। उन्होंने कहा, “जब ये लोग विजन पर ही लड़ रहे हैं, तो इनका विजन क्या होगा?” विपक्षी बेंचों से ठहाकों और तालियों के बीच, बीजेपी की एकजुटता पर सवाल हवा में तैरते रहे।
राजेश चौधरी की हालिया सुर्खियां
राजेश चौधरी पिछले दिन ही ट्रैफिक जाम को लेकर चर्चा में थे, जब उन्होंने विधानसभा पहुंचने के लिए कार छोड़कर 400 मीटर पैदल चलना पड़ा और सोशल मीडिया पर पुलिस पर तंज कसा। इसके अलावा, अगस्त 2024 में बसपा प्रमुख मायावती पर विवादित बयान के बाद उन्हें और उनके बेटे को जान से मारने की धमकियां भी मिल चुकी हैं।
सौरभ श्रीवास्तव की पृष्ठभूमि
वाराणसी के जाने-माने बीजेपी नेता सौरभ श्रीवास्तव चुनावी अभियानों और जनता दरबारों में सक्रिय रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के लिए प्रचार के दौरान विरोध झेल चुके श्रीवास्तव पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं।
विपक्ष को मिला हथियार
यह UP Assembly टकराव न सिर्फ सत्र की गरिमा पर दाग लगा गया, बल्कि विपक्ष को बीजेपी के भीतर मतभेदों का सबूत देने का सुनहरा मौका भी। ‘विकसित भारत’ का सपना फिलहाल विधानसभा में इस झड़प के बाद बहस से ज्यादा मखौल का विषय बन गया है।