UP BJP President: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव फरवरी के अंत तक होने की संभावना है। दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की शपथ के बाद, पार्टी का नेतृत्व चयनित किया जाएगा। दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह 19 फरवरी को होने की संभावना जताई जा रही है। इसके अगले दिन, यूपी बीजेपी संगठन के प्रभारी पीयूष गोयल लखनऊ पहुंचेंगे और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे। अगले ही दिन यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान किया जाएगा। इसके साथ ही, प्रदेश के 70 जिलाध्यक्षों की घोषणा भी अगले दो दिनों में होने की संभावना है, जिससे प्रदेश बीजेपी संगठन में बड़ा बदलाव हो सकता है।
UP BJP अध्यक्ष के पद पर बदलाव होने के बाद, बीजेपी के संगठन में कई अन्य अहम बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। भूपेंद्र सिंह चौधरी पहले भी उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं और प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही थी। इस बदलाव के साथ-साथ कुछ नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इससे पहले, पार्टी के संगठन में आगामी चुनावों के मद्देनजर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की योजना पर चर्चा की जा रही है।
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UP BJP के राष्ट्रीय मंत्री विनोद तावड़े ने लखनऊ में दो दिन के अपने प्रवास के दौरान यूपी में पार्टी के संगठन और सरकार के बदलावों पर विचार किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की, जिसमें आगामी 2027 चुनावों की रणनीति पर भी चर्चा की गई। तावड़े ने यह सुनिश्चित किया कि आगामी मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए मंत्रियों का चयन किया जाए। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में कुछ पुराने मंत्रियों के पत्ते कट सकते हैं, जबकि नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
यूपी सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिसमें 21 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 19 राज्यमंत्री हो सकते हैं। फिलहाल, कुल 54 मंत्री हैं, और 6 पद खाली हैं। इन खाली पदों पर मंत्रियों का चयन जल्द किया जाएगा, और आगामी चुनावों के मद्देनजर यह नियुक्तियां काफी अहम होंगी। संगठन और सरकार के इस बदलाव के बाद, यूपी बीजेपी के रणनीतिक बदलावों को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
इस बदलाव के बाद, उत्तर प्रदेश में बीजेपी संगठन को और मजबूती मिल सकती है, जिससे आगामी चुनावों के लिए पार्टी की स्थिति मजबूत हो सकेगी। साथ ही, जिलाध्यक्षों की नई सूची और प्रदेश अध्यक्ष के चयन से पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं के मनोबल को भी बढ़ावा मिलेगा।