लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के नेता अब पूरी ताकत के साथ सियासी दंगल में उतर चुके हें और एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। इसी कड़ी में सूबे की राजनीति में एक बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिल सकता है। नगीना सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता चंद्रशेखर आजाद ने बड़ा फैसला करते हुए कहा कि वह, रामपुर पहुंचकर समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के परिवार से मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा से चंद्रशेखर आजाद मुलाकात करेंगे। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अगर आजम खां की पत्नी मतदान से ठीक पहले आजाद की पार्टी के पक्ष में बोलती हैं तो कुंदरकी में सपा का खेल बिगड़ सकता है।
आजम खां के बेटे से जेल में की मुलाकात
यूपी में चुनाव का शोर है। वादों और नारों के बीच अब जेल भी गुलजार होने लगी हैं। धुरंधर जीत पक्की करने के लिए सलाखों में बंद नेताओं के परिवारवालों से मिलकर जीत का आर्शीवाद ले रहे हैं तो कोई वेटिंग पर चल रहा है। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता जेल में सजा काट रहे आजम खान भी अब याद आने लगे हैं और अचानक अपने और पराए सियासी दलों को वह याद आ गए हैं। आजम परिवार का दर्द नेताओं को महसूस होने लगा। सोमवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव रामपुर में उनकी पत्नी तंजीम फातिमा से घर जाकर मिले, जबकि अखिलेश से चंद घंटे पहले आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद हरदोई जेल में जाकर आजम के पूर्व विधायक बेटे अब्दुल्ला से मिले। सांसद चंद्रशेखर आजाद ने एक और बड़ा ऐलान किया है। वह जल्द ही रामपुर जाएंगे और आजम खां की पत्नी तंजीम फातिमा से मुलाकात करेंगे।
अब्दुल्ला को बताया अपना छोटा भाई
आजम खां की पत्नी से मुलाकात से पहले सांसद चंद्रशेखर आजाज हरदोई जाकर वहां जेल में बंद अब्दुल्ला आजम से मुलाकात की। चंद्रशेखर की अचानक मुलाकात दिनभर चर्चा में रही। अब्दुल्ला आजम 22 अक्टूबर 2023 से हरदोई जेल में बंद हैं। मुलाकात के बाद चंद्रशेखर ने अब्दुल्ला को अपना छोटा भाई बताया। दोनों परिवारों में पुराना संबंध बताया। साथ ही कहा कि वे सड़क से लेकर संसद तक आजम खान के परिवार की लड़ाई को लड़ेंगे और उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता के अहंकार में आजम परिवार का दमन किया जा रहा है। अगर अब्दुल्ला को लेकर जेल में कोई षड्यंत्र रचा गया तो वे सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे। साफ किया कि अब्दुल्ला आजम से उनके रिश्ते सियासी नहीं हैं, बल्कि व्यक्तिगत हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि अखिलेश अच्छे नेता हैं। आज उन्हें परिवार की याद आई, इसलिए वे मिलने गए।
अखिलेश यादव भी कर चुके हैं मुलाकात
जानकार बताते हैं कि कुंदरकी में आजम परिवार की अच्छी पकड़ है। अगर आजम खां का परिवार का कोई भी सदस्य चंद्रशेखर आजाद के पक्ष में आता है तो यहां बड़ा उलटफेर हो सकता है। जानकार बताते हैं कि आजम खां और बर्क परिवार की नहीं पटती। सपा ने एमपी मौलाना मोहिबुल्लाह के करीबी को टिकट दिया है। जिसको लेकर आजम खां नाराज बताए जा रहे हैं। इसी के कारण अखिलेश यादव आजम खां की पत्नी से मिले। उनके साथ सपा के एमपी मौलाना मोहिबुल्लाह भी मौजूद रहे। आजम परिवार के करीबियों के अनुसार, आजम खान की पूर्व सांसद पत्नी तंजीम फातिमा, बेटा और बहू अखिलेश से मिले। दोनों पक्षों में लंबी बातें हुईं। चाय पर चर्चा हुई। दुख दर्द जाना। साथ देने और रहने का वादे किए गए। आजम और अब्दुल्ला के जेल में बिताए जा रहे दिनों के बारे में पता किया गया और बताया गया।
जनसभा की नहीं मिली परमिशन
बता दें, कुंदरकी में होने वाले उपचुनाव में सीधे तौर पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी की फाइट बताई जा रही है। हालांकि लोकसभा चुनाव में नगीना सीट पर परचम लहराने के बाद चंद्रशेखर आजाद का भी यूपी में कद बढ़ा है और अब उपचुनाव पर उनकी नजर है। वहीं कुंदरकी सीट पर मुस्लिम वोट अधिक है और इसी वजह से आजाद समाज पार्टी ने हाजी चांद बाबू मलिक पर भरोसा जताया है। उधर, कुंदरकी विधानसभा में चंद्रशेखर आजाद की जनसभा की परमिशन नहीं दी गई। आखिरी वक्त तक परमिशन लटकाए रखी गई। चंद्रशेखर आजाद को कुंदरकी के बीरपुर में जनसभा करने जाना था। चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी हमारी ताकत को से घबराए हुए हैं। सियासत के मैदान में मुकाबला करने से डर गए हैं। उनके इशारे पर हमारी जनसभा की परमिशन अधिकारियों ने कैंसिल की गई।
2,45,000 मुस्लिम वोटर
कुंदरकी सीट सपा विधायक ज़िया-उर-रहमान बर्क के सांसद बनने की वजह से ख़ाली हुई है। इस उप-चुनाव में कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें सपा से हाजी रिज़वान, बीजेपी से ठाकुर रामवीर सिंह और बीएसपी से रफ़तुल्लाह मैदान में हैं। इसके अलावा आज़ाद समाज पार्टी और एआईएमआईएम भी क़िस्मत आज़मा रहे हैं। इस सीट पर अल्पसंख्यक आबादी बहुसंख्यक है और बहुसंख्यक की आबादी अल्पसंख्यक में है। कुंदरकी में कुल 3 लाख 83 हज़ार 500 वोटर्स हैं। इनमें मुस्लिम वोटर्स की संख्या 2,45,000 है। हिंदू वोटर्स की संख्या तकरीबन 1,38,500 के करीब है। 2 लाख 45 हज़ार मुस्लिम वोटर्स में अकेले तुर्क वोटर लगभग 70 हज़ार हैं। बीजेपी इस सीट को 1993 के बाद कभी जीत नहीं सकी है। बीते 12 सालों में यानी 2012 से 2022 तक लगातार सपा जीतती रही है।