UP Byelection: उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी ने आज 7 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने सीसामऊ सीट पर अभी तक किसी उम्मीदवार का नाम नहीं बताया है, जबकि मीरापुर सीट पर राष्ट्रीय लोक दल (RLD) अपना प्रत्याशी उतारेगा। यूपी (UP Byelection) में बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी भी 2 सीटों पर दावेदारी कर रही थी, लेकिन इस बार उन्हें कोई सीट नहीं दी गई। पहले संजय निषाद मझवां और कटेहरी सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में थे।
संजय निषाद इन दोनों सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने की योजना बना रहे थे, लेकिन बीजेपी आलाकमान ने उनसे ऐसा क्या कहा कि वे बिना किसी सीट के लखनऊ लौट गए। इसके साथ ही, उन्होंने इस मुद्दे पर कोई विरोध भी नहीं किया। ऐसे में यह सवाल उठता है कि संजय निषाद, जो पिछले 3 दिनों से दिल्ली में थे, बिना सीट के कैसे माने?
बिना सीट के कैसे मान गए निषाद?
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद संजय निषाद के सुर बदल गए। पहले वे इन सीटों पर उम्मीदवार उतारने की लगातार बात कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार नड्डा ने निषाद को आश्वासन दिया है कि अगर वे उम्मीदवार नहीं उतारते हैं, तो निषाद जाति को यूपी में अनुसूचित जाति (एससी) आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि यूपी की योगी सरकार निषाद जाति को एससी की सूची में शामिल करने की योजना बना रही है।
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निषाद पार्टी का गठबंधन पर भरोसा
निषाद जाति को अनुसूचित जाति (SC) में शामिल किया गया है, लेकिन यूपी में यह अभी तक लागू नहीं है। बीजेपी अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि यूपी में भी निषाद जाति को एससी में शामिल किया जाएगा। दिवाली के बाद इस मुद्दे को लेकर एक बैठक की जाएगी ताकि समाधान निकाला जा सके। वहीं, बीजेपी अध्यक्ष से बैठक के बाद संजय निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी गठबंधन की जिम्मेदारियों को निभाएगी और सभी सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों को जीताने में मदद करेगी।