उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूमि माफिया और अवैध कब्जाकारियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “जो भी सरकारी या निजी जमीन पर कब्जा करेगा, उसे मैं नहीं छोड़ूंगा।” यह बयान सदन में भूमि विवादों और माफिया राज पर चर्चा के दौरान आया, जहां योगी ने बुलडोजर नीति को और सख्त करने का संकेत दिया। यह ऐलान UP में भूमि सुधार अभियान को नई गति देने वाला माना जा रहा है।
योगी का बयान और संदर्भ
विधानसभा में विपक्ष के सवालों के जवाब में CM योगी ने कहा कि राज्य सरकार भूमि माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर चल रही है। “किसी भी कीमत पर सरकारी जमीन पर कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी अतिक्रमण करेगा, उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।” उन्होंने 2017 से अब तक लाखों एकड़ भूमि मुक्त कराने का दावा किया। यह बयान मऊ, सहारनपुर और गोरखपुर जैसे जिलों में हालिया अतिक्रमण हटाओ अभियानों के बाद आया।
बुलडोजर नीति का विस्तार
योगी सरकार की मशहूर ‘बुलडोजर एक्शन’ अब निजी जमीन विवादों तक फैल सकती है। CM ने कहा कि माफिया जो गरीबों की जमीन हड़पते हैं, उनके खिलाफ भी सख्ती बरती जाएगी। 2025 में अब तक 50,000 से अधिक अवैध निर्माण ध्वस्त हो चुके हैं। सरकार का UP Land Revenue Code 2006 में संशोधन कर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तेज करने का प्लान है। योगी ने भूमि बैंक पोर्टल का जिक्र किया, जो पारदर्शिता लाएगा।
आंकड़े और उपलब्धियां
2017 से योगी सरकार ने 21 लाख एकड़ सरकारी जमीन मुक्त कराई। 2025 में अक्टूबर-दिसंबर तक 2.5 लाख अतिक्रमण हटाए गए। माफिया राज के खिलाफ 500 से अधिक एनकाउंटर हुए। CM ने कहा कि भूमिहीनों को पट्टे बांटे गए और PM आवास योजना से 40 लाख घर बने। विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए योगी ने कहा कि पहले माफिया गरीबों को लूटते थे, अब कानून सबके लिए बराबर है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
सपा और BSP ने इसे “डराने वाली नीति” बताया। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि योगी बुलडोजर से वोट खो रहे हैं। योगी ने जवाब दिया कि विपक्ष माफिया का साथी है। सदन में हंगामा हुआ, लेकिन स्पीकर ने बहस जारी रखी।
भविष्य की योजना
योगी ने भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण, ड्रोन सर्वे और AI-बेस्ड मॉनिटरिंग का ऐलान किया। गरीबों को मुफ्त पट्टा और आवास का वादा दोहराया। यह नीति 2027 चुनावों से पहले भूमि सुधार को मुद्दा बना सकती है।



