Cough Syrup Case Background:उत्तर प्रदेश में अवैध कफ सीरप के कारोबार को लेकर बड़ा खुलासा सामने आ रहा है। इस पूरे मामले में अब एक पूर्व विधायक का नाम भी जांच के दायरे में आ गया है। हालांकि, एसटीएफ फिलहाल उस पूर्व विधायक की पहचान सार्वजनिक नहीं कर रही है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उनका कफ सीरप के अवैध सिंडिकेट से सीधा संबंध हो सकता है।
पूर्व विधायक की भूमिका पर संदेह
जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ को ऐसे इनपुट मिले हैं, जिनसे यह शक गहराया है कि पूर्व विधायक इस अवैध नेटवर्क से जुड़े हुए थे। इसी आधार पर एसटीएफ ने अंदरखाते उनकी भूमिका की जांच शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में उनके बैंक खातों, लेन-देन और संपत्तियों की भी गहन जांच की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि अवैध कारोबार से कोई आर्थिक फायदा तो नहीं उठाया गया।
मुख्य आरोपी शुभम अब भी फरार
इस पूरे कफ सीरप कांड का मुख्य आरोपी शुभम अभी तक एसटीएफ की पकड़ से बाहर है। एसटीएफ की कई टीमें उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं। माना जा रहा है कि शुभम की गिरफ्तारी के बाद पूरे सिंडिकेट का असली चेहरा सामने आ जाएगा। जांच एजेंसियों का कहना है कि शुभम के पास कई अहम जानकारियां हैं, जो इस नेटवर्क के बड़े चेहरों तक पहुंचा सकती हैं।
विधानसभा तक गूंजा मामला
यह मामला सिर्फ जांच एजेंसियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान भी इस पर जमकर सियासी बहस देखने को मिली। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विपक्ष ने इस पूरे मामले में बड़े लोगों की संलिप्तता का आरोप लगाया, जबकि सरकार ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद तेज हुई जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसटीएफ को जांच और तेज करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से एसटीएफ की कार्रवाई में तेजी आई है। नए सिरे से दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं और संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है।
आगे और गिरफ्तारियों की संभावना
सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में इस कफ सीरप सिंडिकेट से जुड़े कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। जांच एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने की कोशिश में लगी हैं। प्रशासन का साफ कहना है कि चाहे आरोपी कितना भी रसूखदार क्यों न हो, कानून के दायरे में सभी को लाया जाएगा।
