UP Export Policy 2025: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के उत्पादों के वैश्विक बाजार में विस्तार के लिए बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने नई निर्यात प्रोत्साहन नीति-2025-30 की अधिसूचना जारी की। इस नीति को मंगलवार को कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। इसके तहत योगी सरकार विदेशों में यूपी के उत्पादों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराएगी, ताकि राज्य की औद्योगिक क्षमता को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सके। नई नीति के तहत निर्यातकों को 882 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। सरकार ने केंद्र और अंतरराष्ट्रीय व्यापार संस्थानों के साथ तालमेल बढ़ाने की भी रणनीति तैयार की है, जिससे निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
नई निर्यात प्रोत्साहन नीति-2025-30 लागू
UP सरकार ने उत्तर प्रदेश की नई निर्यात प्रोत्साहन नीति-2025-30 को लागू कर दिया है। इस नीति के तहत निर्यातकों को 882 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके लिए सरकार ने केंद्रीय विभागों, अंतरराष्ट्रीय व्यापार संस्थाओं, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO), इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन (ITPO) और विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ केंद्र-राज्य समन्वय प्रकोष्ठ बनाने की योजना तैयार की है। इसके अलावा, UP निर्यात समिति का गठन भी किया जाएगा, जो हितधारकों के साथ तालमेल बढ़ाकर निर्यात की नई संभावनाओं को मजबूत करेगी।
निर्यातकों को पंजीकरण अनिवार्य
नई नीति के तहत निर्यातकों को लाभ पाने के लिए निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। सरकार का लक्ष्य है कि यूपी के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाया जाए। इसके लिए प्रोडक्ट प्रमोशन, बिजनेस कनेक्टिविटी और वैश्विक ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कौशल प्रशिक्षण के लिए यूपीएसआईएफएस-एनएडीटी समझौता
UP निर्यात संवर्धन के साथ-साथ वित्तीय लेनदेन, टैक्स चोरी, फॉरेंसिक जांच और साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (UPSIFS) और नेशनल एकेडमी ऑफ डायरेक्ट टैक्स (NADT) ने एमओयू साइन किया है। दोनों संस्थान अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए संयुक्त कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएंगे। यूपीएसआईएफएस के निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी के अनुसार, इस साझेदारी से प्रौद्योगिकी, डिजिटल सुरक्षा, कराधान और साइबर फॉरेंसिक के क्षेत्र में विशेषज्ञता विकसित होगी।