UP Fire विभाग की सुस्ती: नियमावली बनी लेकिन सेवा नियम अब तक अधूरे, प्रमोशन और भर्ती पर सवाल

उत्तर प्रदेश फायर विभाग में नियमावली तो 2024 में लागू हो गई, लेकिन सेवा नियम अधूरे हैं। न प्रमोशन प्रक्रिया शुरू हो पाई, न नई भर्तियों का रोडमैप बन सका। फायरमैन वर्षों से इंतजार में हैं।

UP Fire

UP Fire Department s Service Rules Promotion: उत्तर प्रदेश सरकार लगातार बंपर भर्तियों और प्रमोशन के जरिए युवाओं को रोजगार देने और कर्मचारियों को करियर ग्रोथ देने का दावा करती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटते हैं और विभागों से रिक्त पदों की रिपोर्ट तलब करते हैं। लेकिन फायर विभाग यानी अग्निशमन सेवा की स्थिति अलग ही कहानी बयां करती है। जनवरी 2024 में भले ही उत्तर प्रदेश अग्निशमन एवं आपात सेवा नियमावली लागू कर दी गई हो, लेकिन सेवा नियम (सर्विस रूल) अब तक अधूरे हैं। परिणामस्वरूप न तो प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू हो पाई और न ही नई भर्तियों का रोडमैप बन सका। फायरमैनों की उम्मीदें वर्षों से अधूरी हैं और उनकी दिवाली लगातार निराशा में बीत रही है।

फायर विभाग में घोर लापरवाही

UP Fire मैन, हेड कांस्टेबल, ड्राइवर और एफएसएसओ जैसे निचले स्तर के कर्मचारी 10-15 सालों से एक ही पद पर अटके हुए हैं। जबकि अन्य विभागों में बंपर प्रमोशन और भर्तियां हुईं, फायर विभाग की प्रक्रिया ठप है। नियमावली तो लागू कर दी गई, लेकिन सर्विस रूल के अभाव ने कर्मचारियों की करियर ग्रोथ रोक दी है।

विपक्ष का सवाल

नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सर्विस रूल लागू ही नहीं हुए तो नियमावली का क्या औचित्य रह जाता है? दो साल बीतने के बावजूद संशोधन तक नहीं हो सका, जिससे साफ है कि फायर विभाग की सुस्ती सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़ा कर रही है।

भर्ती प्रक्रिया अटकी

मुख्यमंत्री भले ही बंपर भर्तियों की बात कर रहे हों, लेकिन जब तक विभाग अपनी आवश्यकता शासन को नहीं भेजेगा, नई भर्तियां शुरू ही नहीं हो पाएंगी। अधिकांश फायर स्टेशनों में स्टाफ की भारी कमी है, लेकिन रिक्त पदों की रिपोर्ट शासन तक नहीं पहुंचाई गई।

कर्मचारियों की उम्मीदें

UP Fire रमैन हर दिवाली इस आस में रहते हैं कि शायद अब उनकी वर्षों पुरानी उम्मीदें पूरी होंगी। वे जान जोखिम में डालकर लोगों की जिंदगी और संपत्ति बचाते हैं, लेकिन सिस्टम ने उन्हें प्रमोशन और सम्मान से वंचित कर रखा है। कर्मचारियों की मांग है कि सेवा नियम तत्काल लागू हों और लंबित प्रमोशन प्रक्रिया प्राथमिकता पर शुरू की जाए।

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