UP Vidhan Bhavan : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक दंपति ने विधानभवन के गेट के पास आत्मदाह करने का प्रयास किया। यह घटना सोमवार को हुई, जब दंपति ने ज्वलनशील पदार्थ के साथ वहाँ पहुँचकर आत्मां को आग लगाने की कोशिश की। वो तो समय रहते आसपास तैनात सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते दोनों को रोक लिया, जिससे एक बड़ी घटना टल गई।
क्या था आत्मदाह का कारण ?
राकेश दुबे, जो 56 वर्ष के हैं, और उनकी पत्नी निर्मला, जिनकी उम्र 54 वर्ष है, कानपुर के बिल्हौर क्षेत्र के मान निवादा गाँव के निवासी हैं। दोनों नागरिक अपनी लापता बेटी की गुमशुदगी को लेकर पुलिस की ओर से ठोस कार्रवाई न होने से काफी निराश और आहत थे। प्रारंभिक जांच के अनुसार, इस मामले में दिया गया पुलिस का निष्क्रिय रवैया दंपति की आत्मदाह की कोशिश का मुख्य कारण बना।
दंपति ने अपनी लापता बेटी के मामले में पुलिस द्वारा की गई लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए यह खतरनाक कदम उठाने का निर्णय लिया। उन्हें लग रहा था कि उनके मामले पर कोई गंभीर कदम नहीं उठाया जा रहा, जिससे उनका हौसला और भी टूट गया। कानपुर पुलिस ने इस मामले को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 140(1) के तहत दर्ज किया था, जो अपहरण के मामले से संबंधित है।
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शुरु हुई कानूनी कार्यवाई
दंपति को आत्मदाह करने से रोकने के बाद, सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत हजरतगंज कोतवाली ले जाया, जहाँ उन्हें पूछताछ के लिए रखा गया। अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आगे की कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह घटना न केवल दंपति के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी चिंता का विषय है, जो इस बात का संकेत है कि कई परिवार लापता बच्चों के मामलों में पुलिस की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं। इस तरह की घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि समाज में कितनी गहरी निराशा और हताशा पाई जा रही है। हमें उम्मीद है कि इस मामले में न्याय जल्द ही मिलेगा और यह दंपति अपनी लापता बेटी को पुनः खोजने में सफल होंगे।