Mayawati News: उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध, जातिवाद और सांप्रदायिक तनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बेहद नाजुक बताया और कहा कि राज्य में कानून का शासन नाममात्र का रह गया है। मायावती ने नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण के सामने अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था की बहाली को एक बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य बताया। उन्होंने प्रदेश सरकार और सत्ताधारी दल से कानून व्यवस्था मजबूत करने के लिए सक्रिय सहयोग की भी अपील की। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूपी में अपराध और हिंसा लगातार बढ़ रही है और विपक्ष सरकार को घेर रहा है।
यूपी में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर मायावती की चिंता
बसपा सुप्रीमो Mayawati ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सामंती और आपराधिक तत्वों का वर्चस्व बढ़ रहा है, जिससे जातिवाद और सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि हो रही है। उनका कहना है कि इन हालात में आम जनता को अन्याय और अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। मायावती ने प्रदेश के नए डीजीपी को बड़ी जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि उन्हें निष्पक्षता से कार्य करते हुए अपराध पर नियंत्रण करना होगा और जनता को राहत दिलानी होगी।
सरकार और सत्ताधारी दल से सहयोग की अपील
Mayawati ने यह भी कहा कि जब तक सत्ताधारी दल और सरकार के लोग अपने व्यवहार और कार्यशैली में सुधार नहीं करेंगे, तब तक पुलिस और प्रशासन स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाएंगे। उन्होंने प्रदेश की भूमिका को देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यूपी को विकास की रीढ़ बनना चाहिए, लेकिन वर्तमान में यह अपराध और कानून व्यवस्था की विफलता की वजह से निगेटिव चर्चा में रह रहा है।
नए डीजीपी के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति
राजीव कृष्ण, जो कि यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड में सतर्कता महानिदेशक हैं, को नए डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया है। मायावती ने उम्मीद जताई कि नए डीजीपी कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएंगे और प्रदेश को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में काम करेंगे।
इससे पहले Mayawati ने मई में प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की बिगड़ती हालत पर भी चिंता जताई थी। उनका यह कहना है कि उत्तर प्रदेश में सुधार की अत्यंत आवश्यकता है ताकि राज्य विकास की मुख्य धारा में आ सके।