लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह मंच से विवादित बयान देते हुए नहर आ रहे हैं। संजय निषाद पुलिसवालों की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि मैं यहां ऐसे नहीं पहुंचा हूं। सात दारोगा के हाथ-पैर तुड़वाकर और उनको गड्ढे में फेंकवाकर यहां तक पहुंचा हूं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मंत्री संजय निषाद 18 मार्च को अपनी निषाद पार्टी की जनाधिकार यात्रा को लेकर सुल्तानपुर पहुंचे थे। जहां उन्होंने प्रतापगढ़-सुल्तानपुर सीमा पर स्थित चांदा इलाके के मदारडीह गांव में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान ही उन्होंने पुलिस को लेकर विवादित बयान दिया था। मंत्री ने कहा कि पुलिस उनके समुदाय के लोगों को फर्जी मुकमदे दर्ज पर फंसा रही है। उन्होंने पुलिसवालों से यहां तक कहा कि हमारे लड़कों के ऊपर से सारे फर्जी केस हटाओ, नहीं तो आंदोलन होगा। मंत्री ने आगे कहा कि, अगर फर्जी केस दर्ज करोगे तो सस्पेंड कर दिए जाओगे। मैं पूरे मामले की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से करूंगा।
दारोगा के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई करेंगे
मंत्री संजय निषाद ने आगे कहा कि, मैं ऐसे ही यहां तक नहीं पहुंचा हूं, कई दारोगाओं का हाथ-पैर तुड़वाकर पहुंचा हूं। मंत्री ने आगे कहा कि जरूरत हुआ तो दारोगा के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई करेंगे। मंत्री के इसी बयान का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिस पर युजर्स कमेंट लिखने के साथ उसे शेयर कर रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद अभी तक मंत्री की तरफ से कोई बयान नहीं आया।
4 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया
दरअसल, होली के दिन 14 मार्च को जिले के दोस्तपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में होली खेलने के दौरान एक दलित और निषाद परिवार में विवाद हो गया था। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया था कि मारपीट तक हुई, जिसमें एक 65 वर्षीय दलित महिला सुनरा देवी को चौट आई और उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने मृतक महिला के परिजनों के कहने पर शाहपुर ग्राम प्रधान कृष्णा कुमार निषाद समेत 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। उनमें से ग्राम प्रधान समेत 4 को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया गया था।
इसलिए उन्हें छोड़ दिया जाए, नहीं तो
पूरे मामले की जानकारी जब निषाद पार्टी के मुखिया और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को हुई तो उन्होंने भरे मंच से पुलिस के सीओ और बाकी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निषाद समाज के लोगों को इस केस में फर्जी तरीके से फंसाया गया है वो निर्दोष हैं। इसलिए उन्हें छोड़ दिया जाए, नहीं तो उन पर एक्शन होगा।