UP News : PM मोदी के किस फैसले से यादव समाज में दौड़ी खुशी की लहर, रच गया इतिहास…

केंद्र सरकार ने दुग्ध उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती की है। अब दूध और पनीर पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा, जबकि घी और मक्खन पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

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UP News : केंद्र सरकार ने हाल ही में जीएसटी दरों में बदलाव करते हुए दुग्ध उत्पादों पर बड़ी राहत दी है। इस निर्णय के तहत अब दूध और पनीर को पूरी तरह से जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है, जबकि घी और मक्खन पर लगने वाला जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इस कदम से न केवल आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि दुग्ध व्यवसाय से जुड़े किसानों और विक्रेताओं को भी लाभ होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले का उत्तर प्रदेश के यादव समाज ने खुले दिल से स्वागत किया है। प्रधानमंत्री के वाराणसी दौरे से पहले यूपी के कई जिलों में यादव समाज की ओर से ‘धन्यवाद मोदी जी’ शीर्षक वाले होर्डिंग्स लगाए गए हैं। इन पोस्टरों के माध्यम से उन्होंने दुग्ध उत्पादों पर जीएसटी में कटौती के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है। होर्डिंग्स पर लिखा गया है कि, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जीएसटी परिषद द्वारा दुग्ध उत्पादों पर टैक्स में दी गई राहत पशुपालकों, दूध विक्रेताओं और विशेष रूप से यादव समाज के लिए एक महत्वपूर्ण सौगात है। यह केवल एक आर्थिक निर्णय नहीं, बल्कि मेहनतकश दूध उत्पादकों के सम्मान का प्रतीक है।”

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यादव समाज का मानना है कि यह निर्णय लाखों दुग्ध उत्पादक परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में एक ठोस कदम है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं विधान परिषद सदस्य श्री सुभाष यदुवंश, जो राष्ट्रीय यदुवंश परिषद के संरक्षक भी हैं, के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में ये होर्डिंग्स लगाए गए। राष्ट्रीय यदुवंश परिषद ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए इसे समाज के हित में उठाया गया एक सकारात्मक कदम बताया है।

GST कटौती से कीमतों में भी आएगी गिरावट

सरकार के इस निर्णय के बाद बाजार में दूध, पनीर, घी और मक्खन जैसे उत्पादों की कीमतों में भी कमी आने की संभावना है, जिससे आम जनता को आर्थिक राहत मिलेगी। यह फैसला न केवल देश की अर्थव्यवस्था में दुग्ध क्षेत्र की भूमिका को मान्यता देता है, बल्कि यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।

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