कानपुर मे सभी मुख्य पार्टियों ने अपना महापौर प्रत्याशी घोषित कर दिया है लेकिन किसी भी पार्टी ने अभी पार्षदो की लिस्ट जारी नहीं की है सभी पार्टियां लास्ट मोमेंट मे पार्षद प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करना चाहती है। वजह भी साफ है क्योंकि पहली सभी पार्टीया जातिगत समीकरण देखेंगी दूसरा टिकट कट जाने पर प्रत्याशियों को दल बदल कर टिकट पाने का मौका नहीं मिलेगा साथ ही अंदर खाने खेमेबाज़ी भी नहीं होंगी गौरतलब ये है कि कानपुर ब्राह्मण बाहुल्य जिला है।
जानकारी के अनुसार कानपुर में मुख्य राजनैतिक पार्टियों ने अपना अपना महापौर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। कानपुर सामान्य महिला सीट है सबसे पहले कांग्रेस ने पार्टी के प्रदेश सचिव विकास अवस्थी की पत्नी आशनी अवस्थी को मैदान मे उतारा है। कांग्रेस के बाद सपा ने कानपुर की आर्यनगर विधानसभा सीट से सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी की पत्नी वन्दना बाजपेयी को टिकट दिया है। बीजेपी ने वर्तमान महापौर प्रमिला पांडेय का टिकट काट कर बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। कानपुर ब्राह्मण बाहुल्य जिला है। लिहाज़ा तीनो मुख्य पार्टियों ने ब्राह्मण प्रत्याशी उतारे है। कानपुर की सीट पर बसपा का बहुत ज़्यादा वजूद नहीं रहा है। माना ये जा रहा है की सपा और कांग्रेस दोनों प्रत्याशी ब्राह्मण होने से इसका सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता है। क्योंकि भाजपा का सालिड वोट बैंक है साथ ही ये चुनाव भी योगी के चेहरे पर लड़ा जाएगा।
कानपुर के 110 वार्डो के उम्मीदवारो का चयन होना है लेकिन किसी भी पार्टी ने पार्षद प्रत्याशियों की लिस्ट नहीं जारी की है क्योंकि सभी पार्टीया चुनाव के आखिरी तारीखो मे प्रत्याशी घोषित करना चाहते है गली मोहल्ले के इस चुनाव मे पार्टी का भी बहुत अहम रोल होता है क्योंकि पार्टी का सालिड वोट सीधा प्रत्याशी की झोली में जाता है और काफी हदतक वही निर्णायक वोट होता है। बहरहाल सभी राजनैतिक दल इस बात को भी ज़हन मे रखे है की प्रत्याशियों की सूची आखिर मे जारी करने से प्रत्याशी दल बदलू राजनीति नहीं कर पाएंगे क्योंकि उन्हें इतना समय नहीं मिलेगा। फिलहाल टिकट के दावदारो के साथ-साथ आम जनता को भी पार्टी के उम्मीदवारों की लिस्ट का इंतजार है और टिकट पाने के लिए प्रत्याशी लगातार जोरआजमाश मे जुटे है।