UP Revenue Surplus News: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की ताज़ा रिपोर्ट ने उत्तर प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। वित्त वर्ष 2022-23 में यूपी ने राजस्व अधिशेष (Revenue Surplus) के मामले में देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। कैग की इस 10 साल की पहली व्यापक रिपोर्ट के अनुसार, यूपी ने 37,000 करोड़ रुपये का अधिशेष दर्ज किया, जिससे उसने गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों को पीछे छोड़ दिया। खास बात यह है कि देश के 16 राज्यों ने राजस्व अधिशेष दर्ज किया, जिनमें से 10 में बीजेपी की सरकारें हैं। वहीं, कई बड़े राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, केरल, हिमाचल प्रदेश और पंजाब घाटे में रहे और उन्हें केंद्र पर निर्भर रहना पड़ा।
यूपी नंबर वन, गुजरात-ओडिशा दूसरे पायदान पर
कैग रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश ने 37,000 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष दर्ज कर पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया। इसके बाद गुजरात (19,865 करोड़), ओडिशा (19,456 करोड़), झारखंड (13,564 करोड़) और कर्नाटक (13,496 करोड़) जैसे राज्य शामिल रहे। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश ने अपनी वित्तीय प्रबंधन क्षमता में अन्य बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।
भाजपा शासित राज्यों का दबदबा
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि राजस्व अधिशेष वाले 16 राज्यों में से कम से कम 10 राज्यों में बीजेपी की सरकार है। इनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के कई राज्य शामिल हैं। इससे साफ झलकता है कि राजस्व प्रबंधन में बीजेपी शासित राज्यों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
घाटे में रहे राज्य
जहां एक ओर UP और अन्य राज्य अधिशेष में रहे, वहीं पश्चिम बंगाल, केरल, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों को राजस्व घाटा पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट पर अधिक निर्भर रहना पड़ा। इन राज्यों की वित्तीय स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है और सुधार की आवश्यकता है।
नतीजे का महत्व
कैग की इस रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि UP न सिर्फ आबादी में बड़ा राज्य है बल्कि वित्तीय अनुशासन और राजस्व प्रबंधन में भी उसने मिसाल कायम की है। यह उपलब्धि राज्य के लिए विकास की दिशा में एक अहम संकेतक मानी जा रही है।