UP में शहरीकरण की रफ्तार तेज: पंचायत चुनाव से पहले घटेंगी ग्राम पंचायतें, बढ़ेगा शहरों का दायरा

योगी सरकार यूपी में पंचायत चुनाव से पहले बड़े प्रशासनिक बदलाव की तैयारी में है। नई नगर पंचायतों के गठन और निकायों की सीमाएं बढ़ने से ग्राम पंचायतों की संख्या घटेगी और ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाएं मिलने लगेंगी।

UP Pilbhit

UP Panchayat elections: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पंचायत चुनाव से पहले बड़ा बदलाव करने जा रही है। राज्य में शहरी आबादी को मौजूदा 22 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत तक ले जाने की योजना है। इसके तहत नई नगर पंचायतें बनाई जाएंगी और पहले से मौजूद निकायों की सीमाएं बढ़ाई जाएंगी। इससे एक ओर जहां ग्राम पंचायतों की संख्या में कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है क्योंकि परिसीमन का काम टल सकता है। नगर विकास विभाग पहले चरण में तीन नई नगर पंचायतों की घोषणा कर चुका है और 107 से अधिक निकायों की सीमाएं बढ़ाने की तैयारी है। इससे गांवों को शहर जैसी सुविधाएं देने की दिशा में कदम बढ़ेगा।

शहरी विस्तार की योजना से पंचायत चुनाव पर असर

UP नगर विकास विभाग द्वारा प्रस्तावित योजना के अनुसार, UP में 97 नई नगर पंचायतें बनाई जाएंगी और 107 से अधिक नगरीय निकायों की सीमाएं बढ़ाई जाएंगी। इससे बड़ी संख्या में ग्राम पंचायतें शहरी सीमा में समाहित हो जाएंगी, जिससे पंचायत चुनावों में क्षेत्रीय बदलाव होंगे। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने पंचायती राज विभाग को पत्र लिखकर इस विस्तार की जानकारी दी है। इससे पहले नगर विकास विभाग ने संबंधित जिलों से डीएम स्तर पर प्रस्ताव भी मंगा लिए हैं। इन बदलावों से शहरी और ग्रामीण इलाकों की स्थिति पूरी तरह से नए सिरे से तय होगी।

तीन नई नगर पंचायतों की घोषणा

पहले चरण में तीन नई नगर पंचायतें—श्रीपालपुर (बस्ती), भदारखास (गोरखपुर) और हिलौली (उन्नाव) बनाई जाएंगी। श्रीपालपुर में 17, भदारखास में 19 और हिलौली में 8 गांवों को शामिल कर नगर पंचायत का गठन होगा। इन क्षेत्रों को शहरी क्षेत्र में शामिल करने से उन्हें आधारभूत ढांचा जैसे सड़क, सीवर, बिजली, जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे पलायन पर भी रोक लगेगी।

अन्य निकायों की सीमाएं भी होंगी विस्तृत

बदायूं, सोनभद्र, महराजगंज, बाराबंकी, अलीगढ़, ललितपुर, सहारनपुर, हाथरस और कन्नौज की नगर पंचायतों में भी नए गांव जोड़े जाने के प्रस्ताव तैयार हैं। साथ ही गाजियाबाद और फिरोजाबाद नगर निगम का दायरा बढ़ाया जाएगा। मंडल मुख्यालयों वाली कई पालिका परिषदों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए उनकी सीमाओं में भी विस्तार किया जाएगा।

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क्या होंगे इसके फायदे

गांवों को शहर में शामिल करने से उन्हें बुनियादी शहरी सुविधाएं मिलने लगेंगी, जिससे लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। सड़क, नाली, जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट, सीवर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी पलायन पर रोक लगेगी। यह कदम राज्य में संतुलित विकास को गति देगा।

वर्तमान स्थिति

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