UP Land Registry: उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। नई व्यवस्था के तहत, अब संपत्ति रजिस्ट्री के बाद खतौनी में मालिक का नाम स्वतः दर्ज हो जाएगा। इसके लिए तहसील के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। UP राजस्व परिषद ने इस प्रक्रिया को आधार कार्ड से जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है, जिससे संपत्ति की खरीद-बिक्री से जुड़ी पूरी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी। इस कदम से न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि धोखाधड़ी की संभावनाएं भी कम होंगी। नया सिस्टम ऑनलाइन होगा और इसका लाभ प्रदेश के लाखों लोगों को मिलेगा।
स्वचालित प्रक्रिया से मिलेगी बड़ी राहत
वर्तमान में संपत्ति रजिस्ट्री के बाद खतौनी में नाम दर्ज कराने के लिए खरीदारों को अलग से आवेदन करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में विक्रेता को मैनुअल नोटिस भेजा जाता है, जिससे कई बार आपत्तियों के कारण फाइलें लंबित हो जाती थीं। खरीदारों को बार-बार तहसील के चक्कर लगाने पड़ते थे, जिससे समय और पैसे की बर्बादी होती थी। नई व्यवस्था में यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। रजिस्ट्री के बाद स्टांप और निबंधन विभाग की जानकारी तुरंत राजस्व परिषद को भेजी जाएगी, जिसके बाद विक्रेता और सह-खातेदारों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस या व्हाट्सएप के जरिए नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस का जवाब मिलते ही 35 दिनों के भीतर खरीदार का नाम खतौनी में दर्ज हो जाएगा।
आधार से जुड़ेगी संपत्ति, बढ़ेगी पारदर्शिता
UP राजस्व परिषद ने सभी संपत्तियों को आधार कार्ड से लिंक करने की तैयारी की है। इसके तहत खातेदार और सह-खातेदारों का पूरा विवरण, जैसे संपत्ति की खरीद-बिक्री का इतिहास, दर्ज किया जाएगा। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि संपत्ति का वास्तविक मालिक कौन है और उसके पास कितनी संपत्तियां हैं। यह कदम संपत्ति से जुड़े विवादों को कम करने और धोखाधड़ी को रोकने में सहायक साबित होगा।
पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
UP राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि खतौनी में नाम दर्ज करने की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाया जा रहा है। रजिस्ट्री की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर स्वतः प्राप्त होगी और तय प्रारूप में नोटिस जारी होंगे। खरीदारों और विक्रेताओं से ऑनलाइन जवाब मिलने के बाद खतौनी में नाम दर्ज कर लिया जाएगा।