UP RERA: उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट की धांधलियों पर अब यूपी रेरा ने सख्ती शुरू कर दी है। हजारों शिकायतों के बाद रेरा ने चेतावनी दी है कि अगर कोई बिल्डर बिना कंप्लीशन या ओक्युपेंसी सर्टिफिकेट के अधूरे फ्लैट का कब्जा देता है, तो उसे भारी जुर्माना भरना होगा। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने साफ कहा है कि ऐसे मामलों में परियोजना की कुल लागत का 5% तक दंड लगाया जा सकता है। नोएडा और एनसीआर क्षेत्र में बड़ी संख्या में खरीदार इस समस्या से जूझ रहे हैं, जहां अधूरे घरों में लोग रह रहे हैं या घर मिलने का सालों से इंतजार कर रहे हैं। रेरा का नया आदेश खरीदारों को राहत देने वाला साबित हो सकता है।
बिल्डरों की मनमानी पर लगेगा लगाम
UP RERA ने 8 मई को एक नोटिस जारी कर बिल्डरों को चेताया कि अधूरे फ्लैट्स का पजेशन देना रियल एस्टेट अधिनियम, 2016 का उल्लंघन है। अधिनियम की धारा 37 के तहत जारी इस निर्देश का उद्देश्य खरीदारों को मजबूरी में अधूरे घर स्वीकार करने की स्थिति से बचाना है। यूपी-रेरा के सचिव महेंद्र वर्मा ने कहा कि अगर बिल्डर नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो रेरा अधिनियम की धारा 38 और 61 के तहत उनके खिलाफ प्रोजेक्ट लागत का 5% जुर्माना लगाया जाएगा।
बिना OC के कब्जा देना अवैध
UP RERA ने स्पष्ट किया है कि केवल वही फ्लैट खरीदारों को दिए जा सकते हैं जिनके पास वैध ओक्युपेंसी सर्टिफिकेट (OC) या कंप्लीशन सर्टिफिकेट (CC) हो। बिना इन प्रमाणपत्रों के पजेशन देना कानून के खिलाफ है और इससे लोगों की जान तक खतरे में पड़ सकती है। बिल्डिंग नियमों के अनुसार, ओसी लेने से पहले डेवलपर को अग्नि सुरक्षा, बकाया मंजूरी और सामान्य सुविधाओं जैसे पार्क, लिफ्ट, पानी-बिजली की व्यवस्था का प्रमाण देना जरूरी है।
खरीदारों को मिलेगी बड़ी राहत
एनसीआर में कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जहां लोग बिना बिजली, सीढ़ी, या यहां तक कि फ्लोर के अधूरे घरों में रहने को मजबूर हैं। कहीं तार लटके हुए हैं तो कहीं लिफ्ट काम नहीं कर रही। कई परियोजनाओं में तो खरीदार सालों से पैसे देने के बावजूद घर पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रेरा की इस कार्रवाई से उम्मीद की जा रही है कि बिल्डरों की मनमानी रुकेगी और खरीदारों को उनका हक मिलेगा।