UP RERA News: उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने रियल एस्टेट में पारदर्शिता बढ़ाने और समयबद्ध निर्माण सुनिश्चित करने के लिए नियमों को और सख्त कर दिया है। नए संशोधनों के तहत अब प्रमोटर्स को अपने प्रोजेक्ट से जुड़े आर्किटेक्ट, इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट की जानकारी यूपी रेरा को देना अनिवार्य होगा। रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट के विज्ञापनों में रेरा पंजीकरण संख्या, यूनीक क्यूआर कोड, प्रोजेक्ट का कलेक्शन अकाउंट और बैंक विवरण शामिल करना जरूरी होगा। इसके अलावा, प्रोजेक्ट की लॉन्च डेट, तिमाही प्रगति रिपोर्ट और पोर्टल पर ईमेल आईडी अपडेट करना भी प्रमोटर की जिम्मेदारी होगी। इस UP RERA मकसद होम बायर्स को सही जानकारी उपलब्ध कराना और निर्माण की समयबद्धता सुनिश्चित करना है।
नियमों के प्रमुख बिंदु:
- प्रमोटर्स को आर्किटेक्ट, इंजीनियर व सीए की जानकारी रेरा को देनी होगी।
- रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट के विज्ञापनों में रेरा पंजीकरण संख्या और क्यूआर कोड अनिवार्य।
- प्रोजेक्ट का कलेक्शन अकाउंट, आईएफएससी कोड, बैंक व शाखा का विवरण देना जरूरी।
- प्रोजेक्ट की लॉन्च डेट और तिमाही प्रगति रिपोर्ट रेरा को भेजना अनिवार्य।
- प्रमोटर को चार ईमेल आईडी रेरा पोर्टल पर रजिस्टर करनी होंगी, किसी भी बदलाव की जानकारी अपडेट करना अनिवार्य।
प्रभाव:
इन UP RERA नियमों से घर खरीदारों और प्रमोटर्स के बीच विश्वास बढ़ेगा और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर सीधे प्रोजेक्ट की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। नियमों का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई का खतरा रहेगा। यूपी रेरा का यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और समय पर प्रोजेक्ट पूरा होने की दिशा में अहम माना जा रहा है।