UP Roadways Privatization: उत्तर प्रदेश में UP Roadways के निजीकरण की खबरों पर अब विराम लग गया है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर परिवहन निगम का निजीकरण नहीं किया जाएगा। वह उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के स्थापना दिवस कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने UP Roadways के भविष्य को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट किया। इस दौरान मंत्री ने UP Roadways के कर्मचारियों, खासकर चालक-परिचालकों के योगदान की सराहना की और बेहतर सेवा के लिए प्रोत्साहित किया। यूपी रोडवेज के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने भी निजीकरण की अफवाहों को सिरे से खारिज किया। जानिए, इस कार्यक्रम में और क्या कुछ खास रहा।
स्थापना दिवस पर सम्मान समारोह
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का स्थापना दिवस इस बार 25 जून को मनाया गया। इस मौके पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले चालक-परिचालकों और अधिकारियों को सम्मानित किया। लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी को प्रदेश में सबसे अधिक आय अर्जित करने के लिए पहला पुरस्कार दिया गया। UP Roadways परिवहन निगम के पूर्व प्रधान प्रबंधक अजीत सिंह को उनके सेवा काल के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। कार्यक्रम में मुख्यालय के अन्य अधिकारियों को भी उनकी मेहनत और लगन के लिए सम्मानित किया गया।
रोडवेज का इतिहास और भविष्य
परिवहन मंत्री ने बताया कि 1947 में यूपी रोडवेज की पहली बस लखनऊ से बाराबंकी के बीच चली थी, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने सफर किया था। वर्तमान में परिवहन निगम के पास करीब 13,000 बसों का बड़ा बेड़ा है, जिसमें इलेक्ट्रिक बसों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। मंत्री ने भरोसा जताया कि अगले वर्ष यूपी रोडवेज देश का सबसे बड़ा बस बेड़ा रखने वाला निगम बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि महिला चालकों और परिचालकों को विशेष अवसर देकर उन्हें आगे बढ़ाया जा रहा है।
निजीकरण पर मंत्री और प्रबंध निदेशक की बड़ी बातें
दयाशंकर सिंह ने निजीकरण को महज अफवाह करार देते हुए कहा कि परिवहन निगम का निजीकरण किसी कीमत पर नहीं होगा। उन्होंने चालक-परिचालकों से निगम को और अधिक लाभ में लाने के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया। यूपीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने भी इस बात की पुष्टि की कि निगम पूरी तरह लाभ में है और निजीकरण की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर निजीकरण होता तो सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों की भर्तियां आयोग से क्यों कराई जातीं? आगे भी सभी भर्तियां अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से ही होंगी।
सम्मानित अधिकारियों का उत्साह
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड पाने वाले अजीत सिंह ने इसे अपने करियर का गौरवपूर्ण क्षण बताया और कहा कि ऐसे सम्मान से मेहनत करने की नई प्रेरणा मिलती है। इस दौरान परिवहन निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों जैसे अंकुर विकास, गौरव पांडेय, सत्यनारायण, यजुवेंद्र कुमार, अमरनाथ सहाय, अंबरीन अख्तर, लव कुमार, अनुराग यादव और कपिल देव को भी उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव अमित कुमार गुप्ता और अपर प्रबंध निदेशक राम सिंह वर्मा भी उपस्थित रहे।