UP Teacher Recruitment 2025: उत्तर प्रदेश के लाखों युवा आज जश्न मना रहे हैं, क्योंकि राज्य सरकार ने 1.93 लाख शिक्षकों की भर्ती का ऐतिहासिक ऐलान किया है। वर्षों से नौकरी की राह देख रहे बीएड, बीटीसी और टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए यह खबर किसी त्यौहार से कम नहीं। सोशल मीडिया पर खुशी की लहर दौड़ गई है और छात्र-छात्राएं सरकार का धन्यवाद कर रहे हैं। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह पूरी प्रक्रिया तीन चरणों में होगी और मार्च 2026 तक सभी नियुक्तियां पूरी कर दी जाएंगी। लंबे समय से ठप पड़ी भर्ती प्रक्रिया में यह बड़ी पहल मानी जा रही है, जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही बेरोजगारी की समस्या को भी कम करेगी।
तीन चरणों में होगी ऐतिहासिक भर्ती
UP सरकार ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस विशाल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की जानकारी दी है। बयान के अनुसार, भर्ती को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। पहले और दूसरे चरण में 65-65 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी जबकि तीसरे चरण में शेष पद भरे जाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया को अगले 10 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ हुई प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद यूपी सरकार ने तेजी से इसे लागू करने का निर्णय लिया है। सरकार ने इस अभियान को ‘#नएभारतकानयाUP’ टैगलाइन से जोड़ा है।
पुराने दावों की हकीकत और शिक्षा व्यवस्था की स्थिति
यह पहला मौका नहीं है जब UP सरकार ने बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती का दावा किया है। 2021 में 69,000 पदों का ऐलान किया गया था, लेकिन कई पद आज भी रिक्त हैं। 2024 की रिपोर्ट्स बताती हैं कि यूपी में करीब 85,000 से अधिक पद अब भी खाली पड़े हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की फरवरी 2024 की रिपोर्ट में बताया गया था कि राज्य में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में हेडमास्टर और सहायक शिक्षकों की भारी कमी है। ऐसे में यह नई भर्ती शिक्षा व्यवस्था में नई जान डाल सकती है।
चयन प्रक्रिया और बोर्ड की भूमिका
शिक्षकों की नियुक्ति उत्तर प्रदेश सेकेंडरी एजुकेशन सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (UPSESSB) के अंतर्गत की जाएगी। यह बोर्ड राज्य के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रिंसिपल, लेक्चरर और हेडमास्टर की भर्ती करता है। वहीं, प्राथमिक स्तर की भर्तियां अलग क्षेत्रीय चयन बोर्डों के ज़रिए की जाती हैं। बोर्ड का मुख्यालय प्रयागराज में है और यह 1998 के नियमों के अनुसार कार्य करता है।
ऐसे में भर्ती प्रक्रिया का संचालन सुचारु और पारदर्शी हो, इसके लिए शासन को विशेष दिशा-निर्देश और निगरानी सुनिश्चित करनी होगी।
उम्मीदें और ज़मीनी हकीकत
UP में 1.93 लाख शिक्षक पदों पर भर्ती का यह ऐलान निस्संदेह एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का माध्यम बन सकता है बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार भी दिला सकता है। हालांकि, बीते वर्षों में अधूरी भर्तियों और लंबी चयन प्रक्रियाओं ने भरोसे की दीवार को कमजोर किया है। अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि इस प्रक्रिया को समयबद्ध, पारदर्शी और प्रभावी ढंग से पूरा करे, ताकि युवाओं के विश्वास को नई मजबूती मिले।
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