UP teacher promotion: उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत एलटी ग्रेड के 1000 से अधिक सहायक UP teacher को जल्द ही प्रमोशन का तोहफा मिलने वाला है। लंबे समय से अटकी पड़ी पदोन्नति प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। हाईकोर्ट के आदेश और निदेशालय के ताजा निर्देशों के बाद इन शिक्षकों के लिए 15 साल का इंतजार खत्म होने जा रहा है। वर्ष 2009 के बाद यह पहला मौका होगा जब दस विषयों के UP teacher को एक साथ प्रमोशन मिलेगा। वरिष्ठता सूची को लेकर लंबे समय से चल रही आपत्तियों की प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है और अंतिम सूची जल्द जारी होने वाली है। यह खबर शिक्षकों और शिक्षा विभाग दोनों के लिए राहत लेकर आई है।
प्रमोशन की राह साफ, कोर्ट के आदेश से मिली रफ्तार
हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 24 अप्रैल 2025 को दिए गए आदेश के अनुपालन में अब शिक्षकों की अंतिम ज्येष्ठता सूची जारी की जाएगी। इससे पहले 16 जून 2022 को जारी अनंतिम सूची में कई त्रुटियों के चलते संशोधन किया गया था। निदेशालय ने 2 मई और 2 जून को UP teacher से नई आपत्तियां भी आमंत्रित की थीं, लेकिन निर्धारित समय तक कोई नई आपत्तियां प्राप्त नहीं हुईं। अब 2001 से 2019 तक नियुक्त शिक्षकों की वरिष्ठता सूची फाइनल होने जा रही है, जिससे प्रमोशन का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है।
इन विषयों के शिक्षकों को मिलेगा लाभ
वर्ष 2022 में केवल 994 शिक्षकों को पदोन्नति मिली थी, लेकिन दस विषयों के 1031 शिक्षकों की वरिष्ठता सूची विवादों में फंस गई थी। अब इन सभी विषयों—हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, जीवविज्ञान, वाणिज्य, कला और शारीरिक शिक्षा—के एक हजार से अधिक शिक्षकों को प्रोन्नति दी जाएगी। अपर शिक्षा निदेशक राजकीय अजय कुमार द्विवेदी ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस संबंध में निर्देश भेजे हैं।
स्कूलों को सीधे मिलेगा पंजीकरण शुल्क
यूपी बोर्ड से संबद्ध 28,000 से अधिक स्कूलों को अब छात्रों के पंजीकरण शुल्क के रूप में सीधे 10 रुपये प्रति छात्र मिलेंगे। पहले 50 रुपये शुल्क में से पूरा पैसा ट्रेजरी में जमा होता था और उसकी वापसी के लिए महीनों का इंतजार करना पड़ता था। अब इस प्रक्रिया को सरल बनाते हुए राज्यपाल ने संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत 50 रुपये में से 40 रुपये ट्रेजरी में जमा होंगे और 10 रुपये स्कूलों के खातों में सीधे जाएंगे। इससे स्कूलों को वित्तीय संबल मिलेगा और प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
15 वर्षों बाद शिक्षकों को मिलने वाला यह प्रमोशन न केवल उनके मनोबल को ऊंचा करेगा बल्कि शिक्षा व्यवस्था में भी एक नई ऊर्जा का संचार करेगा। वहीं पंजीकरण शुल्क में बदलाव से विद्यालयों को कार्य संचालन में सहूलियत मिलेगी। सरकार के ये कदम शिक्षक हितों और शिक्षा व्यवस्था दोनों को मजबूती प्रदान करेंगे।