UP teachers transfer: यूपी के 7374 बेसिक शिक्षकों को म्यूचुअल ट्रांसफर के जरिए मनचाहा जिला मिला है। यह स्थानांतरण बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से ऑनलाइन सत्यापन और शिक्षकों की आपसी सहमति के आधार पर किया गया। इससे वर्षों से तबादले की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों को राहत मिली है। स्थानांतरण सूची परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध है। 29 मई से 5 जून के बीच कार्यमुक्ति और कार्यभार ग्रहण की प्रक्रिया पूरी होगी। लेकिन इस राहत के बीच कुछ मामलों में धोखाधड़ी की शिकायतें भी सामने आई हैं। रामपुर और मुजफ्फरनगर में दो शिक्षकों ने अवैध वसूली और फर्जी पेयरिंग की रिपोर्ट दी है। विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
ट्रांसफर प्रक्रिया से खुश हुए हजारों शिक्षक
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की इस पहल से 7374 शिक्षकों का तबादला उनकी पसंद के जिलों में हुआ है। सभी ट्रांसफर म्यूचुअल सहमति के आधार पर ग्रामीण से ग्रामीण और शहरी से शहरी क्षेत्र में किए गए हैं। सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि सभी संबंधित जिला बीएसए को निर्देशित किया गया है कि शिक्षक और शिक्षिकाओं के अभिलेखों की गहन जांच के बाद ही कार्यमुक्ति और नई नियुक्ति कराई जाए।
परिषद ने यह भी स्पष्ट किया है कि UP teachers ट्रांसफर पाए शिक्षक नई जगह पर वरिष्ठता सूची में सबसे नीचे रखे जाएंगे। फिर भी, तैनाती मिलने से शिक्षकों में उत्साह है। उनका कहना है कि अब वे पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा सकेंगे।
राजकीय माध्यमिक स्कूलों के तबादलों की प्रक्रिया शुरू
30 मई से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों और प्रवक्ताओं के वार्षिक स्थानांतरण की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है। इच्छुक शिक्षक 4 जून तक ehrms.upsdc.gov.in पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। किसी अन्य माध्यम से आवेदन मान्य नहीं होगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि एक ही अवसर दिया जाएगा और समयसीमा के बाद कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
इसके साथ ही विभाग ने शिक्षकों की सहायता के लिए ईमेल (onlineteachertransfer2024@gmail.com) और दो हेल्पलाइन नंबर (9368636558, 8317054632) भी जारी किए हैं, जिनसे सुबह 10 से शाम 5 बजे तक संपर्क किया जा सकता है।
म्यूचुअल ट्रांसफर में सामने आए फर्जीवाड़े के मामले
UP teachers म्यूचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बावजूद रामपुर और मुजफ्फरनगर से दो धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।
- केस 1: रामपुर के स्वार में एक शिक्षक ने शिकायत की कि सहारनपुर के शिक्षक ने ट्रांसफर में ओटीपी के बदले 12.20 लाख रुपये मांगे और ओटीपी शेयर नहीं किया।
- केस 2: मुजफ्फरनगर में एक शिक्षक ने बताया कि किसी ने खुद को बीएसए ऑफिस का कर्मचारी बताकर ओटीपी मांगा और बाद में फर्जी पेयर बनाकर ट्रांसफर करवा लिया।
इन दोनों मामलों में जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी है।
‘प्रक्रिया में सुधार जरूरी’, शिक्षकों की मांग
इन धोखाधड़ी के मामलों ने पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि कुछ शिक्षकों की गलत हरकतें बाकी शिक्षकों को नुकसान पहुंचा रही हैं। प्रक्रिया में तकनीकी सुधार किए जाने चाहिए ताकि फर्जीवाड़े की संभावना ही न रहे।
बेसिक शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने कहा है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।