बिजली संकट खत्म! UP में 11 लाख खराब स्मार्ट मीटर बदलेंगे, उपभोक्ताओं को मिलेगी ‘सटीक’ बिजली

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतें बढ़ा रहे 11 लाख से अधिक पुराने और खराब स्मार्ट मीटरों को बदलने का फैसला किया है। केंद्र सरकार की RDSS योजना के तहत ये सभी मीटर मार्च 2027 तक उन्नत स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से बदल दिए जाएंगे, जिससे बिजली चोरी रोकने और बिलिंग को सटीक बनाने में मदद मिलेगी।

UPPCL Smart Meters

UPPCL Smart Meters: उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने राज्य में लगे 11 लाख से अधिक पुराने और खराब स्मार्ट मीटरों को बदलने के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। ये मीटर, जो पहले OPEX मॉडल के तहत ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (EESL) द्वारा लगाए गए थे, अब तकनीकी खामियों और डेटा प्रबंधन की समस्याओं के कारण उपभोक्ताओं के लिए तनाव का कारण बन रहे थे। इन सभी मीटरों को केंद्र सरकार की रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत उन्नत 4G/5G तकनीक वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से बदला जाएगा। UPPCL ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मार्च 2027 तक चरणबद्ध तरीके से पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

यह कदम बिजली उपभोक्ताओं को स्थायी और भरोसेमंद सेवा प्रदान करने, बिलिंग को अधिक सटीक बनाने और बिजली चोरी एवं लाइन लॉस को प्रभावी ढंग से कम करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

मार्च 2027 तक पूरी होगी मीटर बदलने की प्रक्रिया

UPPCL के नए प्लान के अनुसार, EESL द्वारा लगाए गए कुल 11,32,506 सक्रिय 2G/3G मीटरों को मार्च 2027 तक हटाकर नए प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। यह संख्या RDSS के तहत पहले से स्वीकृत 2.69 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया के अतिरिक्त है।

2020 की तकनीकी विफलता से बढ़ी थी समस्या

दरअसल, ये मीटर 2G-3G तकनीक पर आधारित थे। 12 अगस्त 2020 की रात जन्माष्टमी के दौरान 1.58 लाख स्मार्ट मीटरों के अचानक ग्रिड से डिस्कनेक्ट होने की गंभीर तकनीकी विफलता सामने आई थी। इस गड़बड़ी के बाद इंस्टॉलेशन पर रोक लगा दी गई थी। UPPCL के एमडी पंकज कुमार ने 5 दिसंबर 2025 को EESL सीईओ को भेजे पत्र में डेटा की शुद्धता, बिलिंग एवं ऑडिटिंग पर प्रभाव और प्रीपेड फीचर सीमित रहने जैसी कई गंभीर खामियों का जिक्र किया।

उपभोक्ता परिषद ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद UPPCL  ने इस परियोजना में सार्वजनिक धन की बर्बादी का मुद्दा उठाया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पुरानी 2G/3G स्मार्ट मीटरिंग परियोजना पर पहले ही ₹960 करोड़ खर्च हो चुके हैं, और अब नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में ₹682 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। उन्होंने इसे सार्वजनिक धन की बर्बादी बताते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। UPPCL का दावा है कि नई तकनीक के मीटर उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा, रियल-टाइम मॉनिटरिंग और रिचार्ज-आधारित बिलिंग नियंत्रण की सुविधा देंगे।

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