Uttar Pradesh: बीएसपी प्रमुख मायावती ने पार्टी के एक वरिष्ठ नेता जो आकाश आनंद के ससुर भी हैं को पार्टी से बाहर करने का फैसला किया है। उन पर अनुशासनहीनता और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। मायावती ने इस कार्रवाई को पार्टी की मजबूती और अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया है।
आकाश आनंद के ससुर पर लगे गंभीर आरोप
मायावती ने आरोप लगाया कि संबंधित नेता ने बीएसपी की आंतरिक राजनीति को प्रभावित किया और पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ कार्य किया। पार्टी ने यह निर्णय लेते हुए स्पष्ट किया कि अनुशासन बनाए रखना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। साथ ही अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी इस फैसले का समर्थन किया और जोर दिया कि बीएसपी को किसी भी तरह की अनुशासनहीनता से दूर रहना चाहिए।
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अशोक सिद्धार्थ का राजनीतिक करियर
डॉ. अशोक सिद्धार्थ (Uttar Pradesh) पेशे से चिकित्सक हैं और उन्होंने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा उन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज से नेत्र रोग में डिप्लोमा किया। सरकारी नौकरी छोड़कर उन्होंने राजनीति में कदम रखा जहां मायावती ने पहले उन्हें एमएलसी बनाया और फिर 2016 में राज्यसभा भेजा जहां वे 2022 तक सदस्य रहे। 2019 के बाद मायावती ने उनकी जिम्मेदारियों को बढ़ाते हुए उन्हें तीन राज्यों का प्रभारी नियुक्त किया।
वे पार्टी में पर्दे के पीछे काम करने वाले नेताओं में गिने जाते थे। हालांकि मायावती ने उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और गुटबाजी में शामिल होने का आरोप लगाया। कई चेतावनियों के बावजूद जब उनके व्यवहार में कोई सुधार नहीं हुआ तो उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। यह फैसला BSP की आंतरिक राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है और पार्टी के अनुशासन को बनाए रखने की सख्त नीति को दर्शाता है।