Utter Pradesh: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले का माधोपट्टी गांव अब पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। इस छोटे से गांव को आईएएस आईपीएस की फैक्ट्री भी कहा जाता है क्योंकि यहां के कई लोगों ने सिविल सेवा परीक्षा पास कर प्रशासनिक सेवाओं में उच्च पद हासिल किए हैं। माधोपट्टी में सिर्फ 75 घर हैं, लेकिन इन घरों से निकली सफलता की कहानियां इसे खास बनाती हैं। सामान्य दिखने वाले इस गांव ने वो कर दिखाया, जो बड़े शहर भी नहीं कर पाए।
47 सिविल सेवक
इस गांव से अब तक 47 लोग यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस बन चुके हैं। ये आंकड़ा किसी भी बड़े शहरों के मुकाबले में भी चौंकाने वाला है। खास बात यह है कि ये लोग बिना कोचिंग के अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
महिलाएं भी नहीं रहीं पीछे
इस गांव की महिलाएं भी सिविल सेवा में पीछे नहीं हैं। यहां की कई महिलाएं पीसीएस अधिकारी बन चुकी हैं। यह साबित करता है कि अगर जज्बा हो, तो कोई भी लक्ष्य पाना संभव है।
सफलता की कुंजी
माधोपट्टी में शिक्षा को बहुत महत्व दिया जाता है। यहां का माहौल बच्चों को मेहनत करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। गांव के लोग मानते हैं कि शिक्षा ही हर समस्या का समाधान है।
तैयारी का अनोखा तरीका
इस गांव के लोग सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी बिना किसी कोचिंग क्लास के करते हैं। वे एक दूसरे को मार्गदर्शन देकर सफलता हासिल करते हैं। यह दर्शाता है कि संसाधनों की कमी कभी भी सफलता में बाधा नहीं बन सकती।
पूरे देश के लिए प्रेरणा
माधोपट्टी गांव अब केवल जौनपुर या उत्तर प्रदेश के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन चुका है। यह गांव दिखाता है कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना सच किया जा सकता है