VDA project: वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तैयार हो रही है नई टाउनशिप। 400 एकड़ क्षेत्र में विकसित की जा रही इस योजना के तहत कमर्शियल और रिहायशी दोनों तरह की सुविधाएं होंगी। VDA ने डेढ़ सौ एकड़ जमीन के सर्वे और दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी कर ली है। आने वाले महीनों में अधिग्रहण, मुआवजा और निर्माण की प्रक्रिया तेज होगी। इस टाउनशिप में होटल, अस्पताल, स्कूल, पार्किंग और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। मुख्यमंत्री के आदेश पर अवैध प्लॉटिंग पर रोक और काश्तकारों की सूची तैयार करने का काम भी जोरों पर है।
स्टेडियम के साथ बसेगा नया शहर
वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) एक बार फिर से बड़े पैमाने पर शहरी विस्तार की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बन रहे गंजारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास अब एक आधुनिक टाउनशिप बसाई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 400 एकड़ जमीन में इस टाउनशिप को विकसित किया जाएगा। शुरुआती चरण में करीब डेढ़ सौ एकड़ जमीन का सर्वे पूरा हो चुका है और बाकी क्षेत्र में जमीन की तलाश की जा रही है।
VDA के अनुसार गंजारी, हरपुर और परमपुर गांवों को मिलाकर 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए सर्किल रेट के अनुसार जमीन की कीमत तय करने का काम भी शुरू हो चुका है। रजिस्ट्रेशन विभाग और राजस्व विभाग से सहयोग लेते हुए काश्तकारों की सूची तैयार की जा रही है, ताकि मुआवजा वितरण में कोई विवाद न हो।
बनेंगे होटल, अस्पताल और मॉल
VDA के अपर सचिव गुडाकेश शर्मा के अनुसार, यह टाउनशिप सिर्फ रिहायशी नहीं बल्कि एक मिनी सिटी के रूप में विकसित की जाएगी। इसमें इंटरनेशनल स्टेडियम की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए होटल, अस्पताल, रेस्टोरेंट, मॉल और स्कूल की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा, टाउनशिप के भीतर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग और अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि मैच के दौरान आने वाली भीड़ को सुविधा मिल सके।
VDA ने यह भी स्पष्ट किया है कि आसपास के क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग पर रोक लगाने के लिए जल्द ही रजिस्ट्री प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगाई जाएगी। निगरानी दल भी गठित किए जा रहे हैं ताकि किसी प्रकार की अनियमितता न हो।
तीन महीने में तेज़ होगा अधिग्रहण
शासन से निर्देश मिलते ही अगले तीन महीने के भीतर मुआवजे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और अधिग्रहण का कार्य तेज किया जाएगा। जमीन मालिकों को कानूनी दस्तावेजों के आधार पर मुआवजा मिलेगा और उन्हें समय पर भुगतान किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत बनारस शहर के बाहरी इलाके को एक सुनियोजित, सुव्यवस्थित और आधुनिक नगर के रूप में विकसित किया जाएगा, जो आने वाले समय में बनारस के शहरी ढांचे को नई पहचान देगा।
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