PM Modi After Operation Sindoor: भारत के निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई ने क्षेत्रीय तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। इस बदलते परिदृश्य के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी 13 से 17 मई तक निर्धारित क्रोएशिया, नॉर्वे और नीदरलैंड की यात्रा स्थगित कर दी है। यह निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की शहादत के बाद लिया गया, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है। ऐसे समय में पीएम मोदी का यह कदम भारत की बदली हुई आतंक विरोधी नीति का संकेत है। यात्रा स्थगन से पहले प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें स्थिति की जानकारी दी।
पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों पर भारत के निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़े क्षेत्रीय तनाव ने भारत की कूटनीतिक प्राथमिकताओं को नया मोड़ दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 से 17 मई तक तय की गई अपनी क्रोएशिया, नॉर्वे और नीदरलैंड यात्रा स्थगित कर दी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत से देश गम और गुस्से में डूबा हुआ है। सरकार ने इस दौरान पाकिस्तानी आतंकी ढांचों पर जवाबी कार्रवाई की, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। पीएम मोदी का यह कदम बताता है कि भारत इस बार किसी भी आतंकी हमले को नजरअंदाज करने के मूड में नहीं है।
हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले ने सुरक्षा चिंताओं को नए स्तर पर पहुंचा दिया है। इस हमले में मारे गए 26 लोगों में से अधिकतर पर्यटक थे, जिसने 2019 के पुलवामा हमले की यादें ताजा कर दीं। इसके बाद भारत ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के आतंकी शिविरों पर ‘केंद्रित और मापी गई’ कार्रवाई की, जिसे सैन्य रणनीतिक रूप से सटीक बताया गया है।
PM Modi ने साफ किया है कि ऑपरेशन का मकसद पाकिस्तान की सेना को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि सिर्फ आतंकी ढांचे को खत्म करना था। इसके बावजूद पाकिस्तान ने भारत की एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और व्यापारिक संबंधों पर रोक लगा दी। जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, पाकिस्तानी जहाजों पर बंदरगाह प्रतिबंध लगाए और वीजा रद्द किए।
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PM Modi ने हाल ही में सऊदी अरब दौरा भी आधे में छोड़ दिया और रूस में 9 मई को होने वाले विजय दिवस समारोह में भी हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया। यह स्पष्ट संकेत है कि केंद्र सरकार इस समय राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे ऊपर रख रही है।उधर, PM Modi ने सेना प्रमुखों के साथ कई उच्चस्तरीय बैठकें की हैं और उन्हें “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” दी है। केंद्रीय सशस्त्र बलों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और आतंकी गतिविधियों पर “अकल्पनीय दंड” की चेतावनी दी गई है।यूरोप यात्रा कब होगी, यह अभी तय नहीं है। फिलहाल पूरा देश एक सुर में कह रहा है—अबकी बार आर-पार।