Vinay Katiyar Meet Pankaj Chaudhary: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों ठंड के मौसम के बीच सियासी माहौल अचानक गरमा गया है। वजह बनी है यूपी बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी और हिंदुत्व की राजनीति के चर्चित चेहरे विनय कटियार की मुलाकात। यह मुलाकात सोमवार को हुई, लेकिन इसकी चर्चा अब पूरे राजनीतिक गलियारों में हो रही है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात ने 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले बड़े संकेत दे दिए हैं।
सक्रिय राजनीति से दूर, अचानक आए चर्चा में
पंकज चौधरी ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सीधे विनय कटियार के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। विनय कटियार वही नेता हैं, जो कभी बजरंग दल के संयोजक रहे और राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। लंबे समय से वे सक्रिय राजनीति से दूर नजर आ रहे थे। ऐसे में बीजेपी के नए अध्यक्ष का उनके घर पहुंचना सिर्फ एक औपचारिक भेंट नहीं माना जा रहा।
2027 की तैयारी का हिस्सा या शिष्टाचार भेंट
पंकज चौधरी ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया और कहा कि विनय कटियार बीजेपी के बेहद अनुभवी और समर्पित नेता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कटियार का राजनीतिक अनुभव और विचार पार्टी के लिए प्रेरणादायक है। पंकज चौधरी के मुताबिक, ऐसे वरिष्ठ नेताओं से मार्गदर्शन मिलना संगठन को मजबूत करता है। हालांकि, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह कदम 2027 की तैयारी का हिस्सा हो सकता है।
अपनी धुन में मस्त हूं
मुलाकात के बाद जब विनय कटियार मीडिया के सामने आए, तो उन्होंने अपने अंदाज में जवाब दिए। चुनावी राजनीति में वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “अभी तो मैं अपनी धुन में मस्त हूं, समय आने पर सब बता दूंगा।” उन्होंने यह भी बताया कि पंकज चौधरी से उनके पुराने पारिवारिक संबंध हैं और वे एक अच्छे नेता हैं।
जाति-बिरादरी की राजनीति में विश्वास नहीं
जब उनसे जातिगत राजनीति को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने साफ कहा कि वे जाति-बिरादरी की राजनीति में विश्वास नहीं रखते। उन्होंने यह जरूर कहा कि अयोध्या उनकी कर्मभूमि रही है और फिलहाल वे जहां हैं, वहां संतुष्ट हैं। हालांकि, उनके जवाबों ने सस्पेंस और बढ़ा दिया है।
इस मुलाकात के पीछे सबसे बड़ा राजनीतिक कारण कुर्मी वोट बैंक को माना जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस समुदाय से अपेक्षित समर्थन नहीं मिला था। पंकज चौधरी खुद कुर्मी समाज से आते हैं और विनय कटियार भी इसी समाज के बड़े नेता रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी पुराने नेताओं को फिर से सक्रिय कर इस वोट बैंक को दोबारा जोड़ना चाहती है।
बीजेपी नेतृत्व की कोशिश है कि जिन वरिष्ठ नेताओं की पकड़ कभी मजबूत रही है, उन्हें फिर से आगे लाया जाए। इससे संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती मिल सकती है। 2027 का विधानसभा चुनाव यूपी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। अगर विनय कटियार की सक्रिय राजनीति में वापसी होती है, तो यह विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। अब सबकी नजर इस पर है कि यह मुलाकात आगे क्या नया मोड़ लेती है।










