हरेंद्र दुबे, गोरखपुर : कभी माफिया और अपराध के लिए पहचान रखने वाला गोरखपुर योगीराज में विकास की नई बुलन्दियां छू रहा है। वरना किसे पता की कभी कूड़े का डंपिंग ग्राउन्ड रहा रामगढ़ताल का स्टेटस यूपी के चौपाटी का हो जाएगा। जी हां योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस तेजी से गोरखपुर का विकास हुआ है उसके बाद उसकी तुलना देश के बाकी महानगरों से होने लगी है। और इस कड़ी में ताजा पहल हुई है खेल विभाग की ओर से।
जिसके तत्वाधान में सब जूनियर नेशनल रोइंग चैम्पियनशिप का आयोजन होने जा रहा है। ये आयोजन 22 से 26 अक्टूबर के बीच किया जाएगा। वैसे ये जानना भी दिलचस्प है कि पिछले साल खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता भी रामगढ़ताल में ही हुई थी। खेल मंत्री गिरीशचंद्र यादव 22 अक्टूबर को इसका उद्घाटन करेंगे, इस कार्यक्रम में सीएम योगी भी शामिल होंगे।
20 राज्यों के धुरंधर दिखाएंगे जलवा
इस चैंपियनशिप में 20 राज्यों से 243 प्लेयर्स और 43 कोच शामिल होंगे। इनके लिए गोरखपुर(Gorakhpur) के होटलों और वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 106 कमरे रिजर्व किए गए हैं। रामगढ़ताल में लेन कोर्स तैयार कर लिया गया है, जिससे यह इवेंट मेजर अट्रैक्शन बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। वैसे बता दें कि योगी सरकार ने रामगढ़ताल के पास ही वर्ल्ड क्लास वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तैयार कराया है, जो अब एक बड़ा स्पोर्टिंग डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के बाद जर्मनी से मंगाई गई 20 रोइंग बोट्स के जरिए यहां लगातार ट्रेनिंग चल रही है। अब इस चैंपियनशिप के बाद वाटर स्पोर्ट्स की इंटरनेशनल इवेंट्स के लिए संभावनाएं और बढ़ेंगी।
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अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के लिए तैयार है रामगढ़ताल
यूपी रोइंग एसोसिएशन के सेक्रेटरी सुधीर शर्मा ने कहा कि गोरखपुर में दूसरी बार नेशनल रोइंग चैंपियनशिप हो रही है, जो यहां की ग्रोथ को दिखाता है। खेलो इंडिया गेम्स के दौरान भी नेशनल लेवल के प्लेयर्स और कोचेस ने इसे परफेक्ट लोकेशन बताया था। उन्होंने कहा CM योगी आदित्यनाथ के विजन से रामगढ़ताल अब देश के बेस्ट वाटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन में शामिल हो रहा है। इस चैंपियनशिप के जरिए गोरखपुर में स्पोर्ट्स एक्टिविटीज़ को बढ़ावा मिलेगा और प्लेयर्स को नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर मुकाबला करने का मौका भी मिलेगा।
लगे हाथ रामगढ़ताल का इतिहास भी जान लीजिए
गोरखपुर का रामगढ़ताल करीब 1680 एकड़ में फैला है और शहर के एकदम बीचो बीच है। इतिहास के पन्नों को टटोलें तो उसके मुताबिक गोरखपुर का प्राचीन नाम रामग्राम था, जिसके नाम पर रामगढ़ताल का नाम पड़ा। दंतकथाओं और बौद्ध ग्रंथों में इसका जिक्र है, जिसके मुताबिक छठी शताब्दी में रामग्राम नागवंशी कोल गणराज्य की राजधानी थी। कहते हैं कि जिस वक्त रामग्राम अस्तित्व में था उस वक्त राप्ती नदी इसी जगह से होकर बहती थी जहां आज रामगढ़ताल अवस्थित है। सैकड़ों सालों बाद जब राप्ती नदी की दिशा बदली तो यहां झील के रूप में रामगढ़ताल अस्तित्व में आया ।