लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में शाही मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई। मौके पर एसपी, डीएम, एसडीएम के अलावा सीओ अनुज चौधरी भी मौजूद थे। सभी अधिकारियों ने जान की बाजी लगाते हुए दंगाईयों पर नियंत्रण पाया। इस दौरान पुलिसबल पर पथराव के साथ फायरिंग हुई। जिसमें सीओ, इंस्पेक्टर समेत दो दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। फिलहाल संभल के हालात नियंत्रण में हैं और पुलिस उपद्रवियों को दबोचने के लिए ऑपरेशन चलाए हुए हैं। इनसब के बीच सीओ अनुज चौधरी का एक बयान काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि पुलिस को भी आत्मरक्षा का अधिकार है और पुलिसकर्मी मरने के लिए पुलिसबल में भर्ती नहीं हुए हैं। हम किसी जाहिल की गोली से मरने के लिए वर्दी नहीं पहनी।
पहले जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, संभल की एक स्थानीय अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वे होना था। सर्वे के दौरान डीएम, एसपी, एसडीएम, सीओ, एडीएम सिटी समेत अन्य पुलिस-प्रशासन के अधिकारी फोर्स के साथ मस्जिद परिसर पर मौजूद थे। तभी उग्र भीड़ ने सर्वे का विरोध कर नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उपद्रवियों ने पथराव के साथ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ा। हिंसा के दौरान चार युवकों की गोली लगने से मौत हो गई। एसडीएम समेत कई अधिकारी जख्मी हो गए। सीओ, एसपी के पीआरओ, इंस्पेक्टर समेत दो दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हुए। पुलिस ने 27 से अधिक उपद्रवियों को अरेस्ट कर जेल भेजा। 2700 सौ से अधिक पर एफआईआर दर्ज की। उपद्रवियों की फोटो भी चस्पा की।
पुलिसकर्मियों के भी बच्चे और परिवार है
इनसब के बीच संभल सीओ अनुज चौधरी का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें सीओ अनुज चौधरी कहते हैं कि हमलोगों ने उपद्रवियों को मनाया। शांति बनाए रखने की अपील। हम मरने के लिए पुलिस में नहीं भर्ती हुए। वायरल वीडियो में अनुज चौधरी ये भी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पुलिसकर्मियों के भी बच्चे और परिवार हैं। वह सवाल करते हैं कि क्या हमारा यानी पुलिसकर्मियों का परिवार नहीं है?। अनुज चौधरी वीडियो में कह रहे हैं कि संभल में 4 से 6 घंटे क्या हालात रहे, पहले उसे देखना चाहिए। सीओ वायरल बयान के दौरान कहते हुए सुनाई पड़ रहे हैं कि हिंसा एक सोची समझी साजिश के तहत करवाई गई है। पुलिस ने गोली नहीं चलाई। दंगाईयों की तरफ से फायरिंग हुई है।
कौन हैं सीओ अनुज चौधरी
अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में देश का मान बढ़ा चुके अनुज चौधरी स्पोर्ट्स कोटे से उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे। अर्जुन अवॉर्डी अनुज चौधरी पुलिस फोर्स में मजबूत कद काठी, बॉडी फिटनेस के साथ-साथ अपने बेधड़क अंदाज से भी जाने-जाते हैं। मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव से ताल्लुक रखने वाले अनुज चौधरी ने 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में दो सिल्वर मेडल जीते थे और एशियाई चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीते थे। अनुज चौधरी साल 1997 से 2014 तक कुश्ती में नेशनल चैंपियन रहे. साल 2001 में इन्हें लक्ष्मण अवार्ड मिला तो साल 2005 में अनुज चौधरी को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया। इसके बाद अनुज चौधरी स्पोर्ट्स कोटे से उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए और साल 2012 में वह सीओ बनाए गए।
आजम खान को दिया था ये जवाब
अनुज चौधरी जब रामपुर में तैनात थे, तो उनकी सपा नेता आजम खान से भी काफी बहस हो गई थी। उस दौरान भी अनुज चौधरी चर्चाओं में रहे थे। दरअसल आजम खान सपा प्रतिनिधि मंडल के साथ मुरादाबाद कमिश्नर से मिलने जा रहे थे। तभी सीओ सिटी रहते अनुज चौधरी ने साफ कहा था कि सिर्फ 27 लोग ही अंदर जाएंगे। ये सुनते ही आजम खान ने अनुज चौधरी से कहा था कि समाजवादियों ने ही पहलवानों को पहचाना था। अखिलेश का एहसान याद है। ये सुनते ही अनुज चौधरी ने कहा था कि एहसान कैसा?। अर्जुन अवार्ड मिला है. किसी के एहसान से अर्जुन अवार्ड नहीं मिलता। अनुज चौधरी और आजम खान के बीच हुई इस बहस का वीडियो भी जबरदस्त वायरल हुआ था।
हिंसा के दौरान सीओ अनुज चौधर को लगी थी गोली
बता दें कि संभल हिंसा के दौरान अनुज चौधरी के पैर पर गोली लगी थी। जब वह उपद्रवियों को काबू करने की कोशिश कर रहे थे, तभी अराजक तत्वों ने उनको निशाने पर ले लिया था और उनके पैर में गोली मार दी थी। इसके बाद से अनुज चौधरी लगातार चर्चाओं में बने हुए हैं। अनुज चौधरी की छवि एक इमानदार और तेज-तर्राक पुलिस अफसरों में की जाती है। जब सर्वे टीम मस्जिद में पहुंची तो मौके पर सीओ अनुज चौधरी मौजूद थे। मस्जिद के बाहर वह अपने जवानों के साथ तैनात थे। खुद अनुज चौधरी ने मीडिया को बताया था कि 25 से 30 से अधिक की भीड़ एकत्र हो गई। चार घंटे हमलोगों ने कैसे गुजारे वह हम ही जानते हैं। उपद्रवी पुलिसवालों का मारने पर अमादा था। ऐसे में खुद को बचाने के साथ भीड़ के लोगों की जान की रक्षा हमें ही करनी थी।