लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। गोंडा जिले में अपने एकदिवसीय दौरे पर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि सरकार भ्रष्टाचार्यों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करेगी, जो एक नजीर बनेगी। उनकी पीढ़ियां याद करेगी। उस व्यक्ति और उसके परिवार की अंतिम सर्विस होगी। उसके बाद कोई सरकारी सेवा में नहीं रहेगा। सीएम योगी की ये चेतावनी की असर भी जमीन पर दिख रहा है। इसी कड़ी में योगी सरकार ने आईएएस अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है। भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इन्वेस्टमेंट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश के खिलाफ ये कार्रवाई हुई है। साथ ही इस मामले में पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कर लिया है।
कौन हैं आईएएस अभिषेक प्रकाश
आईएएस अभिषेक प्रकाश मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। अभिषेक प्रकाश का जन्म 1982 को हुआ था। अभिषेक प्रकाश ने आईआईटी रुड़की से बीटेक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और पब्लिक पॉलिसी में एमए किया। फिरयूपीएससी की तैयारी करने लगे। 2005 में उन्होंने यूपीएससी परिक्षा को पास किया और आईएएस अफसर बन गए। अभिषेक प्रकाश की ऑल इंडिया आठवीं रैंक थी। वर्तमान में वह सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, आईडीसी विभाग एवं सीईओ इन्वेस्ट यूपी का चार्ज संभल रहे थे।
कई जिलों के डीएम भी रहे हैं अभिषेक प्रकाश
अभिषेक प्रकाश साल 2011-12 में लखीमपुर खीरी जिले में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट रह चुके हैं। वो लखनऊ, हमीरपुर, बरेली और अलीगढ़ जिले में डीएम और कलेक्टर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। अभिषेक प्रकाश राजधानी लखनऊ में 31 अक्टूबर 2019 से 7 जून 2022 तक जिलाधिकारी रह चुके है। 23 अक्टूबर 2020 से 25 जुलाई 2021 तक लखनऊ डीएम के साथ ही एलडीए वीसी की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। अभिषेक प्रकाश ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली है। आईएएस अभिषेक प्रकाश को सीएम योगी का करीबी बताया जाता था।
यूपी इन्वेस्ट के सीईओ थे अभिषेक प्रकाश
आईएएस अभिषेक प्रकाश मौजूदा समय में औद्योगिक विकास विभाग के सचिव और यूपी इन्वेस्ट के सीईओ हैं। मिल रही जानकारी के मुताबिक, आईएएस अभिषेक प्रकाश पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि एक उद्यमी ने सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए इन्वेस्ट यूपी में आवेदन किया था। आरोप है कि उस उद्यमी से कमीशन मांगा गया था। इसको लेकर उद्यमी ने सीएम योगी से की थी। मामले में एसटीएफ ने जांच की तो आरोप सही पाए थे। इस मामले में निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि आईएएस अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया गया है।
क्यों किए गए सस्पेंड
जानकारी के मुताबिक, उद्यमी विश्वजीत दत्ता के ग्रुप ने यूपी में सोलर सेल और सोलर ऊर्जा से जुड़े कल पुर्जे बनाने का संयंत्र की इकाई की स्थापना के लिए इन्वेस्ट यूपी में आवेदन किया था। जिसके संबंध में मूल्यांकन समिति की बैठक हुई थी। इसी बीच इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी ने उद्यमी को जैन नाम के शख्स का नंबर दिया और कहा कि इनसे बात कर लीजिए अगर ये कहेंगे तो आपका मामला एम्पावर्ड कमेटी और कैबिनेट से तुरंत अनुमोदित हो जाएगा। अधिकारी के कहने पर उद्यमी ने जैन से बात की तो जैन उद्यमी से पूरे मामले के लिए 5 फीसदी कमीशन की मांग कर दी।
निकांत जैन को पुलिस ने किया अरेस्ट
जिस पर उद्यमी ने कमीशन देने से मना कर दिया था। उद्यमी की ओर से आरोप लगाया गया कि उनके मामले में संस्तुति होने के बाद पत्रावली में प्रकरण को टाल दिया गया है। साथ ही जैन ने उनसे कहा कि वो कितना भी प्रयास कर लें लेकिन उन्हें आना में हमारे ही पास पड़ेगा। तभी काम हो पायेगा नहीं तो काम नहीं हो पाएगा। इसको लेकर उद्यमी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। इस मामले में आईएएस अभिषेक प्रकाश को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया था। वहीं रिश्वत मांगने वाले निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है।