लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। मुख्तार अंसारी छोटे बेटे उमर ने गाजीपुर की रहने वाली फातिमा से बीते 15 नवंबर को शादी कर ली। विवाह समारोह में अंसारी परिवार के करीबी शामिल रहे। रिसेप्शन 17 नवंबर को मनाया गया, जिसमें राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। सपा सांसद इकरा हसन, इमरान प्रतापगढ़, सांसद इमरान मसूद के अलावा दूसरे दिग्गज नेता उमर और उनकी पत्नी फातिमा को आर्शीवाद दिया। उमर की शादी में उनकी मां नहीं आई। उमर की मां पर एक लाख का इनाम हैं और वह फरार चल रही है। उमर की भाभी ने सारी रश्में करते हुए नजर आई
पूर्वांचल में एक जिला है गाजीपुर। इस जिले को कभी कहा जाता था कि यहां अफीम, अपराधी और अफसर साथ-साथ पैदा होते हैं। यह भूमिहार बहुल इलाका है, कुछ लोग इसे भूमिहारों का वेटिकन भी कहते हैं। बनारस यहां से करीब है और कहा जाता है कि गाजीपुर वालों को बनारस में ही सबकुछ मिलता है, केवल गुंडई छोड़कर। इसकी ट्रेनिंग यहीं मिल जाती है। पुराने लोगों को हत्याओं की कहानी जुबानी याद रहती हैं। चाय-पान की दुकानों पर चर्चा राजनीति से शुरू होती है लेकिन खत्म अपराध की कहानी पर ही होती है। इसी गाजीपुर के युसुफपुर-मुहम्मदाबाद में 1963 में मुख्तार अंसारी का जन्म होता है।
मुख्तार के दादा आजादी के आंदोलन में भाग ले चुके थे और परिवार इलाके के इज्जतदारों में गिना जाता था। लोग अपनी समस्याएं लेकर ’फाटक’ पहुंचते थे। मुहम्मदाबाद स्थित मुख्तार का घर आज भी फाटक के नाम से जाना जाता है। कुछ लोग इसको ’बड़का फाटक’ भी बोलते हैं। इसी बड़ा फाटक से एक क्रिकेट मुख्तार का बाहुबली मुख्तार के रूप में जन्म होता है, जिनकी तूती यूपी से लेकर बिहार तक में बोला करती थी। मुख्तार ने पैसा कमाया। मुख्तार ने नाम भी कमाया। मुख्तार विधायक भी चुने गए। मुख्तार ने आफसा के साथ शादी की। मुख्तार के दो बेटे हुए। जिनका नाम अब्बास और उमर है। अब्बास विधायक हैं। जबकि मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी सांसद। हालांकि मुख्तार अब इस दुनिया में नहीं है।
मुख्तार की मौत के बाद पहली बार अंसारी परिवार में खुशीभरी खबर निकल कर सामने आई। मुख्तार के छोटे बेटे उमर ने फातिमा के साथ निकाह कर लिया। उमर की पत्नी फातिमा गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद कस्बे की रहने वाली हैं। सूत्रों के मुताबिक फातिमा प्रसिद्ध कारोबारी मलिक मियां की नातिन हैं। मलिक मियां का परिवार मुहम्मदाबाद में ही मुख्तार अंसारी के पैतृक आवास ‘फाटक’ के कुछ दूर ही रहता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दोनों परिवारों के बीच पहले से गहरे सामाजिक रिश्ते रहे हैं। कुछ लोगों ने बताया कि उमर और फातिमा एक-दूसरे को पहले से जानते थे। दोनों एक-दूसरे को प्यार भी करते थे। ऐसे में दोनों के परिवारवालों ने शादी करवाने का फैसला किया। उमर और फातिमा की शादी 15 नवंबर को दिल्ली के अशोक लॉन में हुई।
निकाह में सिर्फ चुनिंदा परिजन ही शामिल हुए। बताया जा रहा है कि मुख्तार अंसारी की गैरमौजूदगी में बड़े भाई और मौजूदा मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी ने अभिभावक की भूमिका निभाई। भाभी निकहत अंसारी कन्या पक्ष की ओर से फातिमा की देखभाल करती नजर आईं। निकाह के दौरान उमर काफी भावुक हो गए और उन्होंने अपने महरूम पिता मुख्तार अंसारी की तस्वीर दुल्हन फातिमा को दिखाते हुए आंसू नहीं रोक पाए। निकाह के दो दिन बाद दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित पालिका सर्विसेज ऑफिसर्स इंस्टिट्यूट में भव्य रिसेप्शन का आयोजन किया गया। इसमें समाजवादी पार्टी के कई बड़े नेता और रिश्तेदार शामिल हुए। उमर की शादी से जुड़ी सोशल मीडिया पर कई तस्वीर साझा हो रही है। इसमें उमर अंसारी कुछ खास लोगों को खुद मिलकर के अपने रिसेप्शन का कार्ड देते हुए देखे जा रहे हैं।
बता दें,उमर अंसारी मां के फर्जी साइन मामले में 30 अक्टूबर को कासगंज जेल से रिहा हुए थे। 3 अगस्त को उमर को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। 23 अगस्त को सुरक्षा कारणों का हवाला देकर अचानक उनकी जेल बदल दी। उमर को गाजीपुर से कासगंज भेजा गया। बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी। मामला मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में दर्ज मुकदमे से जुड़ा है। इसमें पुलिस ने 10 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी कुर्क की थी, जिसे छुड़ाने के लिए कोर्ट में अपील की गई। इस मामले में अफशां अंसारी की तरफ से प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। कोर्ट ने इस पर शासकीय अधिवक्ता से रिपोर्ट मांगी। शासकीय अधिवक्ता ने 11 जुलाई 2025 को संबंधित दस्तावेजों की जांच की। इसमें पता चला कि याचिका के साथ लगे दस्तावेजों पर अफशां अंसारी के हस्ताक्षर संदिग्ध हैं।
मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन की पार्टनरशिप डीड पर मौजूद अफशां के हस्ताक्षर याचिका वाले दस्तावेजों से पूरी तरह अलग पाए गए। शासकीय अधिवक्ता ने रिपोर्ट में बताया कि अफशां वर्तमान में एक लाख की इनामी है। गाजीपुर और मऊ पुलिस ने उस पर 50-50 हजार का इनाम घोषित कर रखा है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी है। ऐसे में उसके द्वारा सीधे अदालत में याचिका दाखिल करना संदेह से परे नहीं था। मामले की जांच के बाद थाना मुहम्मदाबाद में उमर अंसारी और वकील लियाकत अली के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस ने 3 अगस्त को लखनऊ से उमर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उमर और उसके वकील की जमानत के लिए परिवार ने अलग-अलग याचिका दायर की। 21 अगस्त को कोर्ट ने उमर अंसारी की और 22 अगस्त को वकील लियाकत अली की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद लखनऊ से उमर की गिरफ्तारी हुई थी।
