लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। आईएएस अफसर संजय प्रसाद की यूपी के पावर कॉरिडोर में एक बार फिर वापसी हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘डाटा मैन’ कहे जाने वाले आईएएस संजय प्रसाद को उत्तर प्रदेश का दूसरी बार प्रमुख सचिव गृह बनाया गया है। जबकि उनके पास पहले से प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग थे। अब इन पदों के साथ उनके पास गृह गोपन वीजा पासपोर्ट और सतर्कता भी आ गया है। अब तक यह विभाग अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार के पास थे।
कौन हैं आईएएस संजय प्रसाद
आईएएस अधिकारी संजय प्रसाद का जन्म 23 मई 1971 को मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी में हुआ था। संजय प्रसाद ने भूगोल विषय से परास्नातक किया। फिर यूपीएससी तैयारी में जुट गई। यूपीएससी की परीक्षा पास की और उनका सेलेक्शन 1995 में आईएएस के लिए हो गया। सेलेक्शन के बाद संजय प्रसाद की ट्रनिंग 5 सितंबर 1995 से 31 मई 1996 तक एलबीएसएनएए में हुई। 13 जून 1996 को उनकी नियुक्ति आजमगढ़ में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट एंड असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई। इसके बाद वह अलग अलग जगहों पर कार्यरत रहे.। वह कुछ 25 अगस्त 1997 से 22 अप्रैल 1998 तक मुजफ्फरनगर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रहे। इसके बाद कुछ समय तक अमरोहा में रहे।
गोरखपुर में हुई थी सीएम योगी से मुलाकात
आईएएस संजय प्रसाद की पोस्टिंग 1999 में गोरखपुर में बतौर मुख्य विकास अधिकारी के पद पर हुई थी। उस वक्त सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद हुआ करते थे। तब आईएएस संजय प्रसाद की मुलाकात सीएम योगी से हुई थी। बतौर सीडीओ के पद पर वह दो साल तक रहे और 4 मई 2001 को उनका तबादला लखनऊ के लिए हो गया था। एक साल के बाद उन्हें लखीमपुरखीरी की जिलाधिकारी बनाया गया। वह महाराजगंज, बहराइच, अयोध्या, आगरा आदि जिलों के भी जिलाधिकारी रहे।
पहली बार बने सीएम योगी के सचिव
आईएएस संजय प्रसाद को पहले सीएम योगी आदित्यनाथ का सचिव बनाया गया। फिर वह सीएम के प्रधान सचिव बने। वर्ष 2022 में संजय प्रसाद को गृह और सूचना विभाग दोनों का प्रमुख सचिव बनाया गया। तब से उन्हें भी ताकतवर अधिकारी माना जाने लगा। चुनाव आयोग के निर्देश पर उनसे यह विभाग ले लिया गया था। दो साल के बाद एकबार फिर आईएएस संजय प्रसाद यूपी के गृह विभाग का प्रमुख सचिव बनाए गए हैं। जानकार बताते हैं कि आईएएस संजय प्रसाद की छवि बेदाग अफसर के तौर पर होती है। काम के प्रति उनके समपर्ण को लेकर सभी कायल हैं।
कल्याण सिंह से लेकर अखिलेश के साथ किया काम
आईएएस संजय प्रयाद बीएसपी सरकार में भी बड़े ओहदे पर रहे। 2009 में जब मायावती मुख्यमंत्री थीं, तब उन्हें गृह विभाग का विशेष सचिव नियुक्त किया गया और बाद में 2014 में लगभग छह महीने के लिए अखिलेश यादव के शासन में गृह विभाग के सचिव के पद पर नियुक्त किया गया। संजय प्रसाद ने अपने 29 साल के प्रशासनिक करियर में बीजेपी के कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और राम प्रकाश गुप्ता, सपा के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, बसपा की मायावती के कार्यकाल में शानदार काम किया है। हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 के वक्त अखिलेश यादव ने आईएएस संजय प्रसाद को गृह विभाग से हटाए जाने की मांग चुनाव आयोग से की थी।
IAS बने भरोसे का दूसरा नाम
आईएएस संजय कुमार यूपी की ब्यूरोक्रेसी में भरोसे का दूसरा नाम बन चुके हैं। वह सीएम योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में गिने जाते हैं। इसके पीछे की वजह है उनकी एक खास काबिलियत जो उन्हें दूसरे अधिकारियों से अलग करती है। वो है उनकी डाटा एक्सपर्टीज। इसी लिए यूपी की ब्यूरोक्रेसी में उन्हें डाटा मैन के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि सभी महकमों की डाटा से जुड़ी इनफॉर्मेशन संजय प्रसाद के पास से ही सरकार के पास जाती हैं।
सभी विभागों का प्रभारी बनाया गया
आईएएस संजय प्रसाद की सबसे बडी खूबी ये है कि वे सभी महकमों के साथ सामंजस्य बनाकर चलने में माहिर हैं। शायद यही वजह है कि संजय प्रसाद को सभी विभागों का प्रभारी बनाया गया है। जिसके बाद से मुख्यमंत्री कार्यालय में उनकी स्थिति और मजबूत हुई है। आईएएस संजय प्रसाद के लिए कहा जाता है कि वे कम बोलते है सतर्क रहते हैं और परिस्थितियों पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं, जो कि उनके पद के लिए आवश्यक है। यही उनकी खूबी उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ का सबसे करीबी बनाती है। क्योंकि सीएम योगी आदित्यनाथ को तत्काल फैसलों पर अमल करने वाले अधिकारी पसंद हैं।