Yogi Govt township development: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने टाउनशिप विकास की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक ऐतिहासिक और बेहद महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस फैसले के तहत, लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को अब कृषि भूमि को सीधे आवासीय भूमि में बदलने का अधिकार मिल गया है। यह एक बड़ा नीतिगत बदलाव है जिसके बाद LDA को भूमि-उपयोग परिवर्तन के लिए राज्य शासन की अलग से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे परियोजनाओं में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। इस कदम से निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी और महीनों से अटकी पड़ी टाउनशिप परियोजनाओं को गति मिलेगी।
इसका सीधा असर वरूण बिहार (2664 हेक्टेयर) और नैमिष नगर (1085 हेक्टेयर) जैसी प्रस्तावित टाउनशिप पर पड़ेगा, जिनकी जमीन अब प्राधिकरण बोर्ड की मंजूरी से तुरंत आवासीय घोषित की जा सकेगी। यह बदलाव राज्य की टाउनशिप नीति को सरल बनाने और सुव्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। (117 शब्द)
टाउनशिप नीति में बदलाव: प्राधिकरण बोर्ड बना ‘अंतिम प्राधिकारी’
नए फैसले के अनुसार, अब संबंधित विकास प्राधिकरण का बोर्ड ही भूमि-उपयोग परिवर्तन को अंतिम मंजूरी देगा।
पुराना नियम: पहले, छोटे से छोटे भूमि-उपयोग परिवर्तन के लिए भी फाइल को शासन (Government) के पास संस्तुति के लिए भेजना पड़ता था, जिससे अक्सर महीनों की देरी होती थी।
नया नियम: अब LDA जैसी संस्थाएं अपनी योजनाओं के अनुरूप कृषि भूमि को सीधे आवासीय घोषित कर सकेंगी। यह फैसला फाइल के लंबे सरकारी चक्र में घूमने की आवश्यकता को समाप्त करता है।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य निजी पूंजी निवेश को बढ़ाना और शहर के बाहरी क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स व बुनियादी ढांचे का विस्तार सुनिश्चित करना है।
अटकी परियोजनाओं को मिलेगी गति, निवेशकों को राहत
Yogi Govt टाउनशिप योजनाओं को सबसे अधिक प्रभावित करने वाली समस्या भूमि-उपयोग परिवर्तन में होने वाली देरी थी। निवेशक अपनी परियोजनाओं को शुरू करने के लिए महीनों तक इंतजार करते थे।
दो प्रमुख टाउनशिप: वरूण बिहार (2664 हेक्टेयर) और नैमिष नगर (1085 हेक्टेयर) की जमीन को आवासीय घोषित करने का रास्ता अब साफ हो गया है।
असर: इस कदम से लखनऊ में निजी पूंजी निवेश बढ़ेगा और नियोजित तरीके से बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट विकसित हो सकेंगे, जिससे विकास की रफ्तार दोगुनी होने की उम्मीद है।
यह Yogi Govt सरलीकरण न केवल लखनऊ के लिए है, बल्कि मुख्यमंत्री शहरी विकास/नये शहर प्रोत्साहन योजना के तहत आने वाले गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, आगरा सहित 18 प्राधिकरणों की परियोजनाओं को भी बड़ा फायदा मिलेगा।








