Pauri Garhwal: उत्तराखंड में एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें The Loni Urban Multi State Credit & Treft Co-operative Society (LUCC) पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इस सोसाइटी ने लोगों को उच्च ब्याज और आकर्षक योजनाओं का लालच देकर 92 करोड़ रुपये की ठगी की है। राज्य में 2016 से सक्रिय इस फर्जीवाड़े के जरिए उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में कुल 189 करोड़ रुपये का गबन किया गया। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनके पास से दो फॉर्च्यूनर कारें भी बरामद की गई हैं। पुलिस की जांच से पता चला है कि यह सोसाइटी लोगों को धोखे में रखकर निवेश करवाती थी और विदेशी तेल के कुएं और सोने की खदानों में पैसा लगाने का झांसा देती थी।
फर्जी योजनाओं का जाल
Pauri Garhwal में पुलिस ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह के नेतृत्व में की गई एक कार्रवाई के दौरान इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया। LUCC ने लोगों को अधिक ब्याज और जल्दी मैच्योरिटी योजनाओं का लालच देकर उनके पैसे जुटाए। इस सोसाइटी ने निवेशकों को शुरू में छोटे-छोटे लाभ दिए और धीरे-धीरे उन्हें बड़ी रकम निवेश करने के लिए प्रेरित किया। पीड़ितों में से एक, तृप्ति नेगी ने जब शाखा प्रबंधक विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत के खिलाफ कोई दस्तावेज न मिलने की शिकायत की, तब पुलिस को इसकी भनक लगी। इसके बाद कोटद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया और गहन जांच शुरू हुई।
बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी
Pauri Garhwal पुलिस जांच के दौरान खुलासा हुआ कि LUCC की पहली शाखा गिरीश चंद्र सिंह बिष्ट ने 2016 में खोली थी और धीरे-धीरे उत्तराखंड में 35 शाखाएं स्थापित कर दीं। सोसाइटी ने कई सेमिनार आयोजित कर लोगों को आकर्षित किया और फर्जी योजनाओं के माध्यम से निवेश के लिए मजबूर किया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में उर्मिला बिष्ट, जगमोहन बिष्ट, प्रज्ञा रावत, विनीत सिंह और गिरीश चंद्र बिष्ट शामिल हैं।
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अन्य राज्यों में भी फैला है जाल
LUCC के खिलाफ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी कई मामले दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि यह एक संगठित धोखाधड़ी है, जिसमें अभी तक 189 करोड़ रुपये का गबन सामने आ चुका है। मुख्य खातों की जांच में केवल 2 लाख रुपये शेष पाए गए हैं। पौड़ी पुलिस ने आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की है और उन्हें न्यायालय में पेश किया है।
Pauri Garhwal पुलिस ने इस कार्रवाई से समाज को चेतावनी दी है कि ऐसे फर्जी निवेश कार्यक्रमों से सावधान रहें।