Mansa Devi stampede: धर्मनगरी हरिद्वार आज एक भीषण त्रासदी की गवाह बनी। सावन मास के पावन अवसर और सप्ताहांत की छुट्टी ने यहां के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को आकर्षित किया, लेकिन यह भीड़ एक दुखद हादसे में बदल गई। मंदिर के पैदल मार्ग पर मची भीषण भगदड़ में अब तक 8 लोगों की मौत की ख़बर सामने आ रही है, जबकि कई दर्जन लोग घायल हुए हैं, जिन्हें तत्काल उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायल 3 से 4 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है।
यह हृदय विदारक घटना आज सुबह लगभग 9:30 बजे के करीब मंदिर के सीढ़ी वाले रास्ते पर हुई। आधिकारिक सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, त्रासदी का मुख्य कारण भीड़ पर बिजली का तार टूटना बताया जा रहा है। तार टूटते ही अचानक फैले करंट ने श्रद्धालुओं में दहशत पैदा कर दी। आनन-फानन में लोग जान बचाने के लिए भागने लगे, जिससे बेकाबू भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। देखते ही देखते स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए और भीड़ के नीचे दबकर हताहत हो गए।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस बल और मेडिकल टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि वे घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने पहले 6 मौतों की पुष्टि की थी, लेकिन राहत और बचाव कार्य के दौरान हताहतों की संख्या बढ़ने की सूचना मिली है और अब यह आंकड़ा 8 तक पहुंचने की बात कही जा रही है।
Mansa Devi stampede: हरिद्वार मनसा देवी मंदिर में भगदड़, कई हताहत!
घायलों को तत्काल प्रभाव से हरिद्वार के जिला अस्पताल और अन्य नजदीकी चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया है। चिकित्साकर्मी युद्धस्तर पर उनका इलाज कर रहे हैं। मंदिर परिसर में अभी भी अफरा-तफरी का माहौल है, लेकिन पुलिस और प्रशासन की टीमें स्थिति को नियंत्रित करने और राहत-बचाव कार्य को गति देने में लगी हुई हैं।
जिला प्रशासन हरिद्वार ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच में भगदड़ के वास्तविक कारणों, बिजली के तार टूटने की परिस्थितियों और भीड़ प्रबंधन में किसी भी तरह की संभावित चूक की गहन पड़ताल की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था और भारी भीड़ के कुशल प्रबंधन की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों पर, विशेषकर सावन जैसे पावन महीनों में, लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह त्रासदी भीड़ प्रबंधन के लिए एक ठोस और प्रभावी कार्ययोजना की कमी को उजागर करती है। मृतकों के परिजनों में गहरा शोक व्याप्त है, और प्रशासन ने उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। इस दुखद घटना से पूरे हरिद्वार और उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। विस्तृत रिपोर्ट और जांच के परिणामों का इंतजार है।
मुख्यमंत्री धामी ने मनसा देवी त्रासदी पर दुख व्यक्त किया, बचाव कार्य जारी
देहरादून: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुई भगदड़ की घटना पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, “हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है।” मुख्यमंत्री ने बताया कि एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस तथा अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। मुख्यमंत्री धामी ने माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना की है।