Neem Karoli Baba Kainchi Dham उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बसे कैंची धाम को बाबा नीम करौरी महाराज की तपोभूमि के रूप में जाना जाता है। भवाली के पास स्थित ये आश्रम भक्तों की गहरी आस्था का केंद्र है। इस स्थान को बाबा ने 1964 में स्थापित किया था और आज यह न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है।
बाबा नीम करौली महाराज कौन थे
बाबा नीम करौली महाराज, जिनका असली नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था, उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गाँव में जन्मे थे। उन्हें भगवान हनुमान का परम भक्त माना जाता है और उनके जीवन से जुड़ी कई चमत्कारी कहानियाँ प्रसिद्ध हैं।
हनुमान जयंती की तैयारियां जोरों पर
इस साल 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी मौके पर कैंची धाम में खास इंतजाम किए गए हैं। हजारों की संख्या में भक्तों के पहुँचने की उम्मीद है। ऐसे में प्रशासन ने ट्रैफिक से लेकर पार्किंग तक की व्यवस्थाओं को बेहतर करने का फैसला किया है। भीड़ को सँभालने के लिए भीमताल और भवाली की ओर से आने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग पार्किंग बनाई गई है, जहाँ से शटल बसों द्वारा मंदिर तक पहुँचाया जाएगा।
देश–विदेश से आते हैं भक्त
कैंची धाम की लोकप्रियता सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। एप्पल कंपनी के स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मार्क ज़ुकरबर्ग और हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स भी बाबा के भक्तों में गिने जाते हैं। भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा भी कई बार यहाँ आ चुके हैं।
मंदिर का माहौल और विशेष आयोजन
आश्रम में हनुमान जी और बाबा नीम करौरी महाराज की मूर्तियाँ स्थापित हैं। यहाँ हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा, आरती और हनुमान चालीसा का पाठ होता है। हर साल 15 जून को बाबा की पुण्यतिथि पर विशाल भंडारे और भक्ति कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जहाँ देश-विदेश से श्रद्धालु पहुँचते हैं।
कैंची धाम एक ऐसा आध्यात्मिक केंद्र है जो भक्तों को शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। बाबा नीम करौरी महाराज की मौजूदगी आज भी इस जगह को दिव्यता से भर देती है। हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर यहाँ की रौनक और भक्तों की भीड़ इस बात का प्रमाण है कि आस्था आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा है।