Operation Kaalnemi: उत्तराखंड में फर्जी बाबाओं पर धामी सरकार का वार जानिए कितने फर्जी साधु अब तक हुए गिरफ़्तार

सीएम धामी के 'ऑपरेशन कालनेमि' के तहत उत्तराखंड में 200 से ज्यादा फर्जी बाबाओं की गिरफ्तारी हुई है। इस कदम को सोशल मीडिया पर समर्थन मिला, लेकिन कुछ लोगों ने पारदर्शिता पर सवाल भी उठाए हैं।

Uttarakhand News, Social Impact

Operation Kaalnemi: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पाखंडी बाबाओं के खिलाफ ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की शुरुआत की, जो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है। अब तक 200 से ज्यादा फर्जी साधु हिरासत में लिए जा चुके हैं।

क्या है ‘ऑपरेशन कालनेमि’?

उत्तराखंड की देवभूमि में इन दिनों एक खास मुहिम जोर पकड़ रही है, जिसका नाम है ‘ऑपरेशन कालनेमि’। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का मकसद है।धार्मिक चोला ओढ़कर लोगों को ठगने वाले फर्जी बाबाओं और ढोंगियों को पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना। यह अभियान पांच दिन पहले शुरू हुआ और अब तक 200 से ज्यादा संदिग्ध लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ा जा चुका है। इनमें कई ऐसे लोग हैं, जो खुद को साधु-संत बताकर लोगों को धोखा दे रहे थे।

सोशल मीडिया पर मिला जबरदस्त समर्थन

‘ऑपरेशन कालनेमि’ को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर खूब सराहना मिल रही है। #OperationKaalnemi हैशटैग लंबे समय तक ट्रेंड में बना रहा। कई यूजर्स ने सीएम धामी को ‘धर्म का सच्चा रक्षक’ बताया, वहीं कुछ लोगों ने मांग की कि यह अभियान देशभर में चलाया जाना चाहिए। हालांकि कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रचार भी करार दिया और सरकार से पारदर्शिता बनाए रखने की मांग की।

मुख्यमंत्री का सख्त संदेश

14 जुलाई को सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर न्यूज क्लिपिंग साझा करते हुए कहा,

“हमारी सरकार भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। जो भी कानून तोड़ेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड की धरती पर किसी भी प्रकार का धार्मिक धोखा या छल अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

उनके मुताबिक, अब तक 100 से ज्यादा ढोंगी लोग कानून की गिरफ्त में आ चुके हैं।

विरोध और सवाल भी उठे

जहां एक तरफ इस अभियान को जनता का समर्थन मिला, वहीं कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं ने इस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कार्रवाई करते समय धार्मिक स्वतंत्रता और कानूनी प्रक्रिया का पालन जरूरी है, ताकि किसी समुदाय विशेष को निशाना न बनाया जाए।

बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी

अभियान के दौरान सहसपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक संदिग्ध व्यक्ति रूकन रकम उर्फ शाह आलम को पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि वह बांग्लादेश का नागरिक है और अवैध रूप से भारत में रह रहा था। उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और उसे जल्द ही बांग्लादेश डिपोर्ट किया जाएगा।

अब देखना यह है कि ये अभियान कितनी दूर तक जाता है। क्या वाकई इससे आस्था के नाम पर चल रही ठगी रुकेगी? या फिर यह भी कुछ समय बाद ठंडा पड़ जाएगा?

Exit mobile version