जोशीमठ भू-धंसाव मामले पर सु्प्रीम कोर्ट का फैसला। सु्प्रीम कोर्ट ने भू-धंसाव मामले में दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से किया इनकार। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी को सुनवाई का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी को सुनवाई के लिए आदेश दे
सु्प्रीम कोर्ट ने जोशीमठ भू-धंसाव मामले पर दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. जोशीमठ भू-धंसाव पर सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी को सुनवाई के लिए आदेश दे दिए हैं. लेकिन याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील ने चीफ जस्टिस डीवार्ड चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच से इस मामले को लेकर कल सुनवाई करने की मांग कर दी है.

भू-धंसाव की जद में ढाई हजार साल पुराना प्राचीन मठ आया
लेकिन इस बात पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ये जरुरी नहीं है कि हर महत्वपूर्ण फैसला कोर्ट ही आए. सरकारे पहले ही अपने काम पर लग गई हैं. और हम आपकी चिंताओं पर 16 जनवरी को सुनवाई करेंगें. सुप्रीम कोर्ट में शंकराचार्य अविमुक्तेशवर ने याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता की तरफ से वकील परमेश्वर नाथ का कहना है कि भू-धंसाव की जद में ढाई हजार साल से भी ज्यादा पुराना प्राचीन मठ आ गया है. पूरे इलाके में दहशत है. घरों की दीवारों और छतों पर दरारें आ गई हैं. इससे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राचीन धरोहरों के अस्तित्व पर संकट आ गा है. सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दाखिल की गई है उसमें क्षेत्र की जनता ने अपने जानमाल की सुरक्षा को लेकर मांग रखी है.

16 जगहों पर प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी राहत केंद्र बनाए
जोशीमठ में 16 जगहों पर प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी राहत केंद्र बनाए गए हैं. इसके अलावा जोशीमठ में 19 होटल, गेस्ट हाउस और स्कुलों को शहर से बाहर पीपलकोठी में 20 ऐसे घरों को प्रभावित लोगों के लिए चुन लिया गया है. इनमें से 68 परिवारों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है. और 38 परिवारों को किराए के घरों में शिफ्ट किया गया है.और इनको राज्य सरकार के मानकों के अनुसार किराया दिया जाएगा. आपदा अधिनियम की धारा 33 और 34 के तहत लोगों को पुनर्वास किया जाएगा.