उत्तराखंड। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस 70 में से 64 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है. बाकी की बची 6 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम को लेकर पार्टी में माथापच्ची चल रही है. इन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने को लेकर देहरादून के एक निजी होटल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की बैठक हुई.बैठक में कमजोर प्रत्याशियों और बची हुई हुई छह सीटों के लेकर चर्चा हुई. बैठक के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि कल 27 जनवरी तक प्रत्याशियों की आखिरी सूची जारी कर दी जाएगी है.हरीश रावत ने कहा कि किसी सीट पर कोई भी प्रत्याशी नहीं बदला जाएगा. हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस 16 सीटों पर काफी कमजोर है, जिसमें से 8 सीटों को जिताने की जिम्मेदारी उन्हें मिली है।
वहीं 4 सीटों की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को दी गई है. चार सीटों की जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह पर रहेगी. हरीश रावत ने बताया कि जिन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं, वहां पर कोई भी बदलाव नहीं होगा.बता दें कि प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कांग्रेस में कई सीटों पर घमासान देखने को मिल रहा है. कुछ दावेदारों ने टिकट कटने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. ऐसे में आशंका जताई जा रही थी कि आज की बैठक में पार्टी कुछ सीटों पर चेहरा बदल सकती है, लेकिन हरीश रावत ने साफ कर दिया है कि ऐसा कुछ नहीं होगा, जो नाम तय किए गए हैं वो ही चुनाव लड़ेंगे।
उत्तराखंड कांग्रेस में जबरदस्त टिकट वितरण के साथ ही बगावत शुरू हो गई है..प्रदेश में कांग्रेस द्वारा जारी दूसरी विधानसभा टिकटों की सूची को जहां होल्ड करने की चर्चाएं हैं..वहीं दूसरी सूची में आए लोगों को फिलहाल नामांकन नहीं करने को भी कहा गया है..26 जनवरी के दिन भी कांग्रेस भवन में कैंट विधानसभा में सूर्यकांत धस्माना को टिकट दिए जाने के विरोध में पार्टी के प्रवक्ता राज्य आंदोलनकारी महिलाओं के साथ धरने पर बैठ गए..इस स्थिति से असहज नजर आए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहन है कि जो टिकट जारी हुए हैं वह यथावत हैं हालांकि कोई संशोधन हुआ तो बुधवार देर शाम तक नई लिस्ट आ जाएगी या संशोधन होगा तो बता दिया जाएगा..वहीं कांग्रेस में टिकटों को लेकर मची रार पर बीजेपी के नेता चुटकी ले रहे हैं।
कांग्रेस से बगावत करने वाली पीसीसी सदस्य सुनीता टम्टा बाजवा ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया..आप प्रदेश प्रचार समिति के अध्यक्ष दीपक बाली के साथ मंगलवार देर शाम दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की.उन्होंने कांग्रेस पर महिला विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाया है.वहीं बाजवा परिवार के ‘आप’ में शामिल होने से तराई क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं..तराई की 8 सीटों पर अब मुकाबला दिलचस्प हो गया है.किसान नेता के शामिल होने से सिख और किसान वोट बैंक आप का हो सकता है।