Varanasi News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 46 वर्षों से बंद एक हिंदू मंदिर को दोबारा खोलने और वहां पूजा-अर्चना शुरू करवाने का मामला चर्चा में है। इसी तरह का एक मामला अब वाराणसी में भी सामने आया है, जहां मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित चार दशक से बंद पड़े एक उपेक्षित हिंदू मंदिर को खोलने की मांग तेज हो गई है। मंदिर को खोलने के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं, जिससे स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन ने इलाके में पीएसी (PAC) तैनात कर दी है। इसके साथ ही, मंदिर के स्वामित्व से जुड़े दस्तावेजों की खोजबीन शुरू कर दी गई है।
अधिकारियों ने मामले पर क्या कहा?
अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी (Varanasi News) के मदनपुरा इलाके में बंद पड़े एक मंदिर को दोबारा खोलने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए। इस समूह का नेतृत्व सनातन रक्षा दल के नेता कर रहे थे। दल के नेता अजय शर्मा ने कहा, “यह मंदिर मुख्यतः मुस्लिम समुदाय के निवास वाले क्षेत्र में स्थित है और वर्षों से उपेक्षित पड़ा है। मंदिर का परिसर गंदगी और मलबे से भरा हुआ है। इसके आसपास की जमीन कभी हिंदू मालिकों की थी, लेकिन बाद में इसे मुस्लिम परिवारों ने खरीद लिया, जिससे समय के साथ मंदिर खाली हो गया।”
यह भी पढ़े: दिल्ली सरकार की नई पहल… ‘संजीवनी स्कीम’ से किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा ?
क्या था पूरा मामला?
पूरे मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन और पुलिस की टीम मंगलवार को मंदिर स्थल पर गई थी, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मंदिर के ताले की चाबी किसके पास है। पुलिस ने बताया कि राजस्व और प्रशासन की टीमें मामले की जांच कर रही हैं और पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। जो भी कानूनी प्रक्रिया होगी, उसे लागू किया जाएगा। पुलिस के अनुसार, स्थानीय लोगों ने मंदिर को फिर से खोले जाने पर कोई आपत्ति नहीं उठाई है। हालांकि, सुरक्षा के मद्देनजर पीएसी के जवान वहां तैनात किए गए हैं और लगातार गश्त की जा रही है।